अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस (International Men’s Day), जो हर साल 19 नवम्बर को मनाया जाता है, पुरुषों के योगदान, उनके संघर्षों और समाज में उनकी अहमियत को समझने और स्वीकारने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन न केवल पुरुषों के मुद्दों को उजागर करता है, बल्कि समाज में लैंगिक समानता, उनके स्वास्थ्य, और उनकी भलाई पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस की शुरुआत 1992 में थॉमस ओस्टर द्वारा की गई थी, और फिर 1999 में जेरोम टीलकसिंघ ने इसे पुनर्जीवित किया था। 19 नवम्बर को इस दिन को मनाने का निर्णय इसलिए लिया गया, क्योंकि यह दिन जेरोम के पिता के जन्मदिन से जुड़ा था और साथ ही 1989 में त्रिनिदाद और टोबैगो की फुटबॉल टीम द्वारा विश्व कप के लिए योग्यता प्राप्त करने के इतिहास से भी जुड़ा था।
पुरुषों के मुद्दे और अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस
इस दिन को मनाने का उद्देश्य केवल पुरुषों की सफलता को सलाम करना नहीं है, बल्कि यह उन महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी रोशनी डालना है, जो पुरुषों के जीवन को प्रभावित करते हैं। ये मुद्दे हैं—समाज में पुरुषों के लिए अनदेखी की जा रही मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, आत्महत्या की बढ़ती दर, हिंसा, घरेलू उत्पीड़न, और बेरोजगारी। आंकड़े बताते हैं कि दुनिया भर में पुरुषों की आत्महत्या की दर महिलाओं से कहीं अधिक है, और यह एक ऐसा विषय है जिस पर गंभीर चर्चा की आवश्यकता है।
पुरुषों का सकारात्मक योगदान
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य यह है कि हम समाज में पुरुषों के सकारात्मक योगदान को पहचानें। चाहे वह एक पिता के रूप में, एक पति के रूप में, या समाज में कार्यरत एक मेहनती नागरिक के रूप में, पुरुष समाज की बुनियादी संरचना का हिस्सा हैं। इस दिन का संदेश यह है कि हम पुरुषों को केवल उनकी समस्याओं के नजरिए से न देखें, बल्कि उनके अच्छे कार्यों, उनकी मेहनत और समाज के प्रति उनकी निष्ठा का भी सम्मान करें।
मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का महत्व
पुरुषों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। विशेष रूप से पुरुषों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे डिप्रेशन और एंग्जायटी अक्सर नजरअंदाज की जाती हैं। यह समय है कि हम इन मुद्दों को गंभीरता से लें और पुरुषों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने और मदद लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
सकारात्मक पुरुष मॉडल
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का एक और महत्वपूर्ण पहलू है—सकारात्मक पुरुष रोल मॉडल्स का प्रचार। फिल्मी सितारे और खेल जगत के सुपरस्टार्स की जगह, समाज को उन सामान्य पुरुषों की सराहना करनी चाहिए जो अपने परिवार, समाज और समुदाय में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं। यह संदेश देता है कि हर व्यक्ति, चाहे वह किसी भी पेशे या समुदाय से हो, समाज में मूल्यवान योगदान कर सकता है।
लैंगिक समानता और सुधार
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का आयोजन केवल पुरुषों के मुद्दों पर विचार करने का अवसर नहीं है, बल्कि यह समाज के हर सदस्य को यह सोचने का समय देता है कि हम सभी के जीवन में क्या सुधार हो सकता है। जैसे अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के मुद्दों को उजागर करता है, वैसे ही अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पुरुषों के लिए एक मंच प्रदान करता है, जहां वे अपनी समस्याओं को व्यक्त कर सकते हैं और समाज में बदलाव की दिशा में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। यह समाज में संतुलन बनाने और समग्र विकास के लिए आवश्यक है।
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस केवल एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज की मानसिकता और दृष्टिकोण को बदलने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह हमें यह याद दिलाता है कि पुरुषों को भी समान रूप से सम्मान, समझ और देखभाल की आवश्यकता है। आज इस दिन को मनाकर, हम एक बेहतर और अधिक समान समाज की दिशा में एक कदम और बढ़ सकते हैं।
More Stories
मोहाली में गिरी बहुमंजिला इमारत, 15 से ज्यादा लोगों के दबे होने की आशंका , बचाव कार्य जारी
43 साल बाद क्यों कुवैत दौरे पर गए प्रधानमंत्री मोदी?
दिल्ली चुनाव से पहले AAP को बड़ा झटका, LG ने केजरीवाल के साथ खेला खेल