CATEGORIES

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031  
Sunday, December 22   7:17:04

गर्म हवा के गुब्बारे के अविष्कार की रोचक कहानी

यूं तो कई दशकों पहले कई वैज्ञानिकों ने उड़ते हुए पक्षियों को देखकर हवा में उड़ने का ख्वाब देख लिया था। लेकिन, कई सदियों तक ये ख्वाब बस ख्वाब बनकर रह गया। समय बितने के साथ कई वैज्ञानिकों ने उड़ने के अनोखें तरीके ढूंढने शुरू कर दिए जिसमें हवाई जहाज और ग्लाइडर का आविष्कार भी शामिल है। लेकिन क्या आपकों बता है कि जब हवाई जहाज का आविष्कार नहीं हुआ था तब लोग किस प्रकार से हवाई यात्रा करते थे।

जब मानव की सबसे पहली हवाई उड़ान का जिक्र किया जाता है। तो जहन में नाम आता है मानव द्वारा बनाए गए गर्म हवा के गुब्बारे का। शुरुआती समय में इंसानों ने हवा में उड़ने का अपना ख्वाब गर्म हवा के गुब्बारे में बैठ कर पूरा किया था। बाद में जाकर हवाई जहाज और हैलीकॉप्टर का आविष्कार किया गया।

गर्म हवा के गुब्बारे की कहानी

गुब्बारे बनाने के सफर की शुरुआत फ्रांस में रहने वाले दो भाईयों जोसिफ और गेक्स मॉन्टगॉल्फियर बंधुओं के द्वारा की गई थी। इस गुब्बारे को चेक करने के लिए पहली बार उसमें एक मुर्गी, बकरी और बतख को गुब्बारे में बैठाया गया था। उसके बाद 21 नवंबर, 1783 को एक कागज और रेशम से बने गर्म हवा के गुब्बारे पर इंसानों को ले जाने वाली पहली उड़ान भरी थी। उस वक्त पहली बार गुब्बारे में दो आदमी, फ्रेंकोइस पिलत्रे डी रोजियर और फ्रेंकोइस लॉरेंट मार्किस ऑफ आर्लैंडर्स सवार हुए थे।

उन्हें गुब्बारे के निचले हिस्से से जुड़े एक गोलाकार मंच पर खड़ा रखा गया था। ये मानवों द्वारा की गई पहली उड़ान कम से कम 500 फीट की ऊंचाई तक पहुंची थी। 25 मिनट में साढ़े पांच मील की यात्रा सुरक्षित की गई थी। कई लोगों का कहना है कि जब गुब्बारा नीचे आया तो वो एक खेत में चला गया। जहां लोगों ने उसे राक्षस समझकर पीट दिया था।

इसके बाद 1 दिसंबर 1783 को, पहली गर्म हवा के गुब्बारे की सवारी के ठीक दस दिन बाद, पहला गैस गुब्बारा भौतिक विज्ञानी जैक्स अलेक्जेंडर चार्ल्स और निकोलस लुइस रॉबर्ट द्वारा लॉन्च किया गया था।

यह फ्लाइट भी फ्रांस के पेरिस में शुरू हुई। उड़ान ढाई घंटे तक चली और 25 मील की दूरी तय की। गुब्बारे में प्रयुक्त गैस हाइड्रोजन थी, जो वायु गैस से हल्की थी, जिसे 1776 में एक अंग्रेज हेनरी कैवेंडिश ने सल्फ्यूरिक एसिड और लोहे के बुरादे का उपयोग करके बनाया था।