CATEGORIES

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031  
Sunday, December 22   10:11:47

History: आज से 244 साल पहले छपा था भारत का पहला समाचार पत्र, जानें पूरा इतिहास

डिजिटल मीडिया आने के बाद आज प्रिंट मीडिया की लोकप्रियता धीरे-धीरे कम होने लगी है। अब कुछ ही ऐसे वर्ग है जो समाचार पत्र को पढ़ने में रूची रखते हैं। इसका एक मात्र कारण डिजिटलाइजेशन है। भाग दौड़ भरी जिंदगी में हर कोई समय़ बचाने के लिए सोशल मीडिया का माध्य चुनता है। इसमें समाचार के साथ-साथ और कई जरूरी जानकारियां भी उन्हें देखने को मिल जाती है। ऐसी जनरेशन में क्या आपको बता है कि प्रिंट मीडिया का इतिहास हमारे देश में क्या था। जो आज लोगों के पास समाचार देखने और पढ़ने के लिए इतनी सुविधाएं आ गए हैं इसकी शुरुआत कैसे हुई थी। आज 29 जनवरी है आज के ही दिन हमारे देश का पहला समाचार पत्र प्रकाशित हुआ था। तो चलिए जानते हैं इसका पूरा इतिहास-

समाचार पत्र का इतिहास (History of newspaper)

आज से 244 साल पहले भारत के पहले समाचार पत्र हिक्कीस बंगाल गजट (Hicky’s Bengal Gazette) की शुरुआत 29 जनवरी साल 1780 में की गई थी। इस समाचार पत्र (NewsPaper) की भाषा ब्रिटिश इंग्लिश में थी। इसके लेखक, संपादल और प्रकाशक जेम्स ऑगस्टस हिक्की (James Augustes Hicky) थे। हिक्की के बंगाल गजट को मूल कलकत्ता जनरल विज्ञापनदाता के रूप में भी जाना जाता था। ये साप्ताहिक न्यूज पेपर था। जो औपनिवेशिक भारत के केंद्र कलकत्ता में प्रकाशित होता था।

हिक्कीस बंगाल गजट की विशेषता (Hicky’s Bengal Gazette Feature)

बंगाल गजट पेपर मोटे तौर पर एक टैब्लॉइड के प्रारुप में था और हिक्की ने इसका प्रयोग ईस्ट इंडिया कंपनी के विभिन्न अधिकारियों पर मजक उड़ाने के लिए किय़ा था, जिनके साथ उनके व्यक्तिगत मतभेद थे। उन्होंने इस अखबार के जरिए ईस्ट इंडिया कंपनी पर भ्रष्टाचार और अक्षमता का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने गवर्नर-जनरल वारेन हेस्टिंग्स पर भी निशाना साधा और उन पर कुप्रशासन का आरोप लगाया। उन्होंने हेस्टिंग की पत्नी पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन पर तुरंत मानहानि का मुकदमा किया गया और जेल की सज़ा सुनाई गई। लेकिन, हिक्की ने हार नहीं मानी हिक्की ने जेल से अपना पेपर प्रकाशित करना जारी रखा और उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से हेस्टिंग्स एंड कंपनी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन पर नये मुकदमे दायर किए गए। फिर, एक अन्य प्रतिद्वंद्वी अखबार, इंडिया गजट, जिसे हेस्टिंग्स द्वारा वित्त पोषित किया गया था, ने प्रसार की बात कही। बंगाल गजट प्रतिस्पर्धा में टिक नहीं सका और जल्द ही उसे कारोबार से बाहर कर दिया गया। 23 मार्च 1782 को इसका प्रकाशन बंद हो गया।

हालांकि अल्पकालिक, हिक्की के बंगाल गजट ने बाद में शिक्षित भारतीय सुधारकों को अधिक गंभीर उपनिवेशवाद विरोधी और राष्ट्रवादी भावनाओं के साथ अपने स्वयं के समाचार पत्र शुरू करने के लिए प्रेरणा प्रदान की। 18 वीं शताब्दी में कई अन्य समाचार पत्र प्रकाशित हुए जैसे कलकत्ता गजट, बंगाल जर्नल, ओरिएंटल मैगजीन ऑफ कलकत्ता, बॉम्बे हेराल्ड आदि।
1822 में शुरू हुआ बॉम्बे समाचार एशिया का सबसे पुराना अखबार है जो आज भी छपता है। यह गुजराती भाषा में है।

बॉम्बे टाइम्स की शुरुआत 1838 में हुई थी और यह आज भी टाइम्स ऑफ इंडिया के रूप में चल रहा है। आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अखबार बाजार है। देश में अंग्रेजी और विभिन्न अन्य भाषाओं में एक लाख से अधिक प्रकाशन हैं। समाचार पत्रों ने स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्रता के बाद देश की प्रगति में सूचना और ज्ञान फैलाने के साथ-साथ विभिन्न मुद्दों पर जनता की राय को जीवित रखने में अपने तरीके से योगदान दिया है।