भारतीय मूल की नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर की धरती पर लौटने की उम्मीदों को फिर से झटका लगा है। नासा के मुताबिक, इन दोनों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से वापस लौटने के लिए और इंतजार करना पड़ेगा।
इस साल 5 जून को सुनीता और बुच ने बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में अंतरिक्ष स्टेशन के लिए परीक्षण उड़ान भरी थी। यह जोड़ी 6 जून को अंतरिक्ष स्टेशन पहुंची और योजना के अनुसार एक सप्ताह बाद पृथ्वी पर लौटने वाली थी। लेकिन स्टारलाइनर में आई तकनीकी समस्याओं, जैसे हीलियम लीक और थ्रस्टर खराबी, ने इस योजना पर पानी फेर दिया।
स्पेसएक्स का क्रू-10 मिशन भी हुआ प्रभावित
नासा और स्पेसएक्स का अगला क्रू-10 मिशन, जो फरवरी में लॉन्च होना था, अब देरी का शिकार हो सकता है। इस मिशन के तहत एक नए ड्रैगन अंतरिक्ष यान में चार अंतरिक्ष यात्रियों को स्टेशन भेजा जाना था। लेकिन यान के निर्माण, परीक्षण और अंतिम एकीकरण में लगने वाले समय को देखते हुए इसे फिलहाल टाल दिया गया है।
नासा के वाणिज्यिक क्रू कार्यक्रम के प्रबंधक स्टीव स्टिच ने कहा, “अंतरिक्ष यान के निर्माण और परीक्षण में समय लगता है। इसलिए, सुनीता और बुच को कम से कम एक और महीने तक अंतरिक्ष स्टेशन पर रुकना होगा।”
क्या सुनीता तीन महीने और अंतरिक्ष में बिता सकेंगी?
फिलहाल, अंतरिक्ष स्टेशन पर 9 अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं और सुनीता व बुच को किसी प्रकार का खतरा नहीं है। वे न केवल स्वस्थ हैं, बल्कि वे अपने शोध कार्यों और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को मदद करने में व्यस्त हैं।
यह पहली बार नहीं है जब किसी अंतरिक्ष यात्री को अपनी यात्रा बढ़ानी पड़ी हो। हालांकि, सुनीता विलियम्स के लिए यह एक अप्रत्याशित रूप से लंबा प्रवास होगा। नासा के मुताबिक, स्टेशन पर सुविधाएं पर्याप्त हैं, और यह दोनों अगले तीन महीने आराम से बिता सकते हैं।
इस घटना ने एक बार फिर से अंतरिक्ष अभियानों में आने वाली तकनीकी चुनौतियों और जोखिमों की ओर ध्यान आकर्षित किया है। लेकिन साथ ही, यह सुनीता विलियम्स जैसे समर्पित अंतरिक्ष यात्रियों की सहनशीलता और धैर्य का भी उदाहरण प्रस्तुत करता है
More Stories
महाराष्ट्र के जलगांव में बड़ा ट्रेन हादसा , Pushpak Express में आग की अफवाह से कूदे यात्री
बारिश होने पर इस फूल की पंखुड़ियां हो जाती हैं Transparent
Gold Silver Price Hike: सोने-चांदी की कीमतों में उछाल, सोना पहली बार 80 हजार के पार