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भारत भूटान में स्थापित करेगा पहला रेलवे नेटवर्क, 3500 करोड़ का निवेश, चीन को बड़ा झटका

भारत और भूटान को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की बातें 2018 से चल रही थीं, जिसे अब आधिकारिक मंजूरी मिल गई है। इस प्रोजेक्ट के लिए दोनों देशों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत 6 स्टेशनों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। इस पहल से चीन को बड़ा झटका लग सकता है।

भारतीय रेलवे असम के कोकराझार से भूटान के गेलफू तक रेल लाइन बिछाने जा रही है।

  • इस 69.4 किमी लंबी प्रस्तावित रेल लाइन के लिए भारत 3500 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।
  • यह रेल लाइन कोकराझार स्टेशन को भूटान के गेलफू से जोड़ेगी।
  • नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे मुख्यालय के चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में भूटान के बालाजन, गरुभासा, रूनीखाता, शांतिपुर, दादगिरी और गेलफू सहित कुल 6 स्टेशन शामिल होंगे।

इन्फ्रास्ट्रक्चर और निर्माण की योजना

  • इस प्रोजेक्ट के तहत:
    • 11 मीटर लंबे 2 वायडक्ट,
    • 39 रोड अंडर ब्रिज,
    • 1 रोड ओवर ब्रिज,
    • 65 छोटे पुल,
    • 29 मुख्य पुल और
    • 2 महत्वपूर्ण पुल बनाए जाएंगे।
  • इस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का फाइनल लोकेशन सर्वे सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है।

पर्यटन और व्यापार को मिलेगा बढ़ावा

रेलवे नेटवर्क स्थापित होने से भारत और भूटान के बीच:

  • पर्यटन और व्यापार संबंध मजबूत होंगे।
  • पर्यटक सस्ती दरों पर आसानी से भूटान की यात्रा कर सकेंगे।
  • इस रेलवे लिंक का निर्माण भारत सरकार द्वारा किया जाएगा।
  • कनेक्टिविटी बेहतर होने से असम का बोडोलैंड एक प्रमुख ट्रांजिट और ट्रेड हब के रूप में उभरेगा।
  • नॉर्थ-ईस्ट के स्थानीय व्यवसायियों को भूटान में व्यापारिक संबंध स्थापित करने का मौका मिलेगा।

राजनीतिक अस्थिरता के कारण पड़ोसी देशों से कनेक्टिविटी बाधित

  • भारत के पड़ोसी देशों जैसे:
    • पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, अफगानिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता के चलते कनेक्टिविटी नेटवर्क बार-बार बाधित होता रहा है।
  • नवंबर 2023 में भारत-म्यांमार रेलवे नेटवर्क प्रोजेक्ट के तहत:
    • मिजोरम की राजधानी आइजॉल से म्यांमार की सीमा हिबिचुआ तक 223 किमी लंबी रेल लाइन के सर्वे का काम शुरू हुआ था।
    • लेकिन म्यांमार में राजनीतिक अस्थिरता के कारण यह प्रोजेक्ट बीच में ही रुक गया।

बांग्लादेश के साथ रेलवे कनेक्टिविटी की समस्या

  • बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद:
    • त्रिपुरा के अगरतला से बांग्लादेश के अखौरा के लिए भारत-बांग्लादेश रेलवे लिंक का प्रोजेक्ट भी रुक गया।
    • इस प्रोजेक्ट का बजट 708.73 करोड़ रुपये था।
    • लेकिन शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद जुलाई 2024 से बंगाल और बांग्लादेश के बीच ट्रेन सेवा बंद है।

चीन के लिए कूटनीतिक झटका

भारत और भूटान के बीच रेलवे नेटवर्क की यह पहल चीन के लिए एक कूटनीतिक झटका मानी जा रही है।

  • इस प्रोजेक्ट से भारत को स्ट्रैटेजिक बढ़त मिलेगी और नॉर्थ-ईस्ट में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
  • भूटान के साथ मजबूत कनेक्टिविटी से चीन की क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं को करारा जवाब मिलेगा।

इस प्रकार, भारत और भूटान के बीच पहली बार रेलवे नेटवर्क स्थापित करना न केवल पर्यटन और व्यापार के लिहाज से फायदेमंद साबित होगा, बल्कि यह चीन के खिलाफ एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम भी माना जा रहा है।