CPCB Report: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हर दिन करोड़ों की भीड़ संगम में स्नान कर रही है। ऐसे में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसे सुनने के बाद आपके होश उड़ जाएंगे। इस रिपोर्ट के बारे में पढ़ने के बाद आप भी कुंभ स्नान करने के पहले 10 बार सोचेंगे। दरअसल तैयार की गई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि संगम का पानी स्नान के लिए उपयुक्त नहीं है। साथ ही, इसका आचमन भी सुरक्षित नहीं है। यह रिपोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को सौंपी गई है।
CPCB रिपोर्ट में बताया गया है कि विभिन्न स्थानों पर जांच के बाद यह सामने आया है कि पानी में फीकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया (Faecal Coliform Bacteria) की अत्यधिक मात्रा पाई गई है, जिससे नदी में प्रदूषण बढ़ा है। रिपोर्ट के अनुसार, इस समय लाखों लोग संगम में स्नान कर रहे हैं, जिससे पानी में फीकल कोलीफॉर्म का स्तर अत्यधिक बढ़ गया है। इस कारण अब संगम का पानी स्नान के लिए आवश्यक गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं कर रहा है।
इस मामले में NGT में पहले ही याचिका दायर की गई थी। महाकुंभ शुरू होने से पहले ही इस पर सुनवाई हो रही थी, लेकिन अब तक किसी ठोस कार्रवाई की कमी के कारण जनाक्रोश बढ़ रहा है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) और सदस्य सचिव को अगली सुनवाई में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। संगम के पानी की गुणवत्ता को लेकर पूर्व में भी विवाद हुआ है, और विपक्ष ने भी इस पर सवाल उठाए हैं।
2019 के कुंभ में भी पानी की गुणवत्ता खराब थी
यह पहली बार नहीं है जब संगम के पानी की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठे हैं। 2019 में प्रयागराज कुंभ पर CPCB की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया था कि मुख्य स्नान के दिनों में भी पानी की गुणवत्ता खराब थी। 2019 के कुंभ मेले में 130.2 मिलियन लोगों ने भाग लिया था।
रिपोर्ट के अनुसार, कारसर घाट पर BOD और फीकल कोलीफॉर्म का स्तर अधिक पाया गया था। मुख्य स्नान के दिनों में सुबह के समय BOD स्तर काफी अधिक था। महाशिवरात्रि और उसके बाद के दिनों में सुबह और शाम दोनों समय फीकल कोलीफॉर्म का स्तर मानकों से अधिक था।
यमुना नदी में घुलित ऑक्सीजन का स्तर ठीक, लेकिन अन्य मानकों में कमी
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि यमुना नदी में घुलित ऑक्सीजन का स्तर सभी मानकों के अनुसार था, लेकिन pH, BOD और फीकल कोलीफॉर्म कई मौकों पर स्वीकार्य सीमाओं के भीतर नहीं थे। गंगा की सहायक नदियों में काली नदी को सबसे अधिक प्रदूषित पाया गया।
संगम में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के कारण पानी की गुणवत्ता में गिरावट गंभीर चिंता का विषय बन गई है। अब देखना यह होगा कि इस मुद्दे पर सरकार और प्रशासन क्या कदम उठाते हैं।

More Stories
Mostbet Güncel Giriş”
Pinup Kazino Rəsmi Saytı
تنزيل 1xbet => جميع إصدارات 1xbet V 1116560 تطبيقات المراهنات + مكافأة مجانية”