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Saturday, February 8   10:18:06
sanjay raut

दिल्ली चुनाव में कांग्रेस की स्थिति पर सहयोगी दलों ने ली चुटकी, कहा- “खाता खुल गया, यही बहुत है!”

दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणामों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। जहां आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच सत्ता की जोरदार जंग चल रही है, वहीं कांग्रेस खाता खोलने के लिए भी संघर्ष करती नजर आई। विपक्षी INDIA गठबंधन के नेताओं ने कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए खराब प्रदर्शन के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया है। चुनाव आयोग के नवीनतम रुझानों में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है।

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, “भाजपा को हराने के लिए आप भी लड़ रही है और कांग्रेस भी, लेकिन दोनों अलग-अलग लड़ रहे हैं। अगर दोनों ने एक साथ चुनाव लड़ा होता तो पहले ही घंटे में भाजपा का पराजय तय था। कांग्रेस ने खाता खोल लिया, यही बहुत है। मैदान में उतरे भी तो सिर्फ खाता खोलने के लिए।”

ओमर अब्दुल्ला ने भी कांग्रेस पर फोड़ा हार का ठीकरा

चुनाव परिणामों के बाद INDIA गठबंधन के भीतर मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इन नतीजों पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने हार का कारण गठबंधन की कमी को बताया। उन्होंने एक मीम शेयर किया जिसमें एक साधु कहता है, “अभी लड़ो अंदरूनी झगड़े, खत्म कर दो एक-दूसरे को।” इस तरह उन्होंने हार का ठीकरा कांग्रेस के सिर फोड़ा।

कांग्रेस और आप के अलग रास्तों का नुकसान

दिलचस्प बात यह है कि लोकसभा चुनाव साथ में लड़ने का वादा करने वाली आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने हरियाणा और दिल्ली विधानसभा चुनाव में अलग-अलग राहें चुनीं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर दोनों दलों ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा होता तो भाजपा के लिए मुकाबला कठिन हो सकता था।

क्या INDIA गठबंधन में दरारें गहरी होंगी?

चुनावी नतीजों के बाद कांग्रेस और आप के बीच बढ़ते मतभेद INDIA गठबंधन की एकता पर सवाल खड़े कर रहे हैं। गठबंधन के भीतर सहयोगी दलों का मानना है कि क्षेत्रीय और राष्ट्रीय चुनावों में समन्वय की कमी विपक्षी दलों के लिए नुकसानदायक हो सकती है।

दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजे केवल एक राजनीतिक हार नहीं हैं, बल्कि यह विपक्ष के लिए एक सबक भी हैं। अगर विपक्षी दलों को 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को टक्कर देनी है, तो उन्हें एकजुट रणनीति के साथ मैदान में उतरना होगा। वरना ऐसे चुटकी भरे बयान और आंतरिक मतभेद उनकी राह मुश्किल बनाते रहेंगे।