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पुणे में बेकाबू डंपर ने 9 लोगों को कुचला, मचा मौत का तांडव!

 पुणे में रविवार देर रात एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब एक डंपर ने फुटपाथ पर सो रहे 9 मजदूरों को कुचल दिया। इस दर्दनाक हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 2 बच्चे भी शामिल थे, जबकि 6 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह घटना वाघोली के केसनंद फाटा इलाके में रात करीब 1 बजे हुई। मृतकों में एक 1 साल का बच्चा और एक 2 साल का बच्चा भी शामिल हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और डंपर ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया। ड्राइवर नशे में था, जिसके कारण यह भीषण दुर्घटना घटी।

हादसा कैसे हुआ?

पुलिस के अनुसार, रविवार रात करीब 1 बजे डंपर तेज रफ्तार से फुटपाथ पर सो रहे मजदूरों के ऊपर चढ़ गया। घटनास्थल पर पहुंचे चश्मदीदों ने बताया कि डंपर बेहद तेज गति से आ रहा था और उसे नियंत्रित करने में ड्राइवर असमर्थ था। डंपर के गुजर जाने के बाद वहां घायल मजदूरों के चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। घायल मजदूरों को तुरंत अस्पताल भेजा गया, लेकिन तब तक तीन की जान जा चुकी थी।

मृतकों में विशाल विनोद (22), जानकी दिनेश पवार (21), रिनिशा विनोद पवार (18), रोशन शशदु भोसले (9), नागेश निवृत्ति पवार (27), दर्शन संजय वैराल (18) और अलीशा विनोद पवार (47) शामिल हैं। यह सभी मजदूर अमरावती जिले के रहने वाले थे और पुणे में काम करने के लिए आए थे।

ड्राइवर की गिरफ्तारी और पुलिस का बयान

पुलिस ने आरोपी डंपर ड्राइवर गजानन शंकर तोत्रे (26) को गिरफ्तार कर लिया है और उस पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ड्राइवर नशे में था, जिससे यह दुर्घटना हुई। डंपर बिल्टवेल एंटरप्राइजेज के नाम पर रजिस्टर्ड है, और पुलिस ने आरोपी ड्राइवर से पूछताछ शुरू कर दी है।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि डंपर के तेज रफ्तार से चलने के कारण मजदूरों को भागने का कोई मौका नहीं मिला, और वे सोते हुए अचानक इस हादसे का शिकार हो गए। यह घटना यह दर्शाती है कि सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन न करने और नशे की हालत में वाहन चलाने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

पुणे में सड़क हादसों का बढ़ता सिलसिला

यह हादसा पुणे में एक और दुखद घटना का हिस्सा है, जहां हाल ही में सड़क हादसों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। इससे पहले, अक्टूबर में मुंढवा इलाके में एक ऑडी कार ने फूड डिलीवरी बॉय को कुचल दिया था, जबकि जून में एक नाबालिग ने एक तेज रफ्तार कार से बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मारी, जिससे उनकी मौत हो गई थी। इन घटनाओं से यह साफ है कि सड़क सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

यह हादसा न सिर्फ सड़क सुरक्षा के प्रति लापरवाही का उदाहरण है, बल्कि यह हमारे समाज की संवेदनहीनता और नशे में गाड़ी चलाने की गंभीरता को भी उजागर करता है। सड़क हादसों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए सरकार को और कड़े नियम लागू करने होंगे, खासकर नशे में गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ। साथ ही, नागरिकों को भी सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए।फुटपाथ पर सोने वाले मजदूरों का यह दर्दनाक हादसा हमें यह याद दिलाता है कि हम किसी भी घटना के शिकार हो सकते हैं, और सड़कों पर सुरक्षित रहना हमारी और दूसरों की जिम्मेदारी है।