National Vaccination Day हर साल भारत में 16 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन उन फ्रंटलाइन स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत की सराहना करने के लिए मनाया जाता है, जो हर बच्चे का टीकाकरण हो यह बात सुनिश्चित करते हैं।
इंसानों में टिका अथवा वैक्सीन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं उन बिमारियों को ठीक करने के लिए जो पहले कभी हानिकारक हुआ करती थी। एक समय था जब पोलियो और स्मॉलपॉक्स ने बहुत से लोगों को अपना शिकार बनाया था। लेकिन, कुछ समय बाद जब इसकी वैक्सीन बनाई गई, तो इसको फैलने से रोका गया। टिकाकरण हमें एक स्वस्थ और सेफ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करता है।
यह दिन खुद को सुरक्षित और स्वस्थ रखने के लिए टीका लगवाने के महत्व पर जोर देता है। राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस टीकाकरण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है।
1988 में World Health Organization (WHO) ने पोलियो को पूरी तरह इस दुनिया से ख़त्म करने के लिए Global Polio Eradication Initiative की शुरुआत की थी। इसके बाद भारत सरकार ने भी 1995 में pulse polio Vaccination Program की शुरुआत की थी। यह पोलियो को जड़ से ख़त्म करने के लिए भारत की पहली कोशिश थी। इसके बाद 16 मार्च को National Vaccination Day मनाया जाने लगा।
कुछ स्वास्थ्य समस्याओं को फैलने से दूर रखने के लिए नियोजित और पूर्ण टीकाकरण की आवश्यकता है। इस दिन टीकाकरण के संबंध में मिथकों का भंडाफोड़ भी किया जाता है।
बहुत सारे Public Service Advertisements (PSA) बने है जो टीकाकरण के महत्व पर ज़ोर देते हैं। इनमें “दो बूँद ज़िन्दगी की” पोलियो कैंपेन, और कोरोना वायरस के टीकाकरण के कैंपेन शामिल हैं।
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