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Tuesday, May 6   9:18:44

अगर आपको भी इन चीजों के लिए आए कॉल तो हो जाएं सावधान नहीं तो बैंक अकाउंट हो जाएगा खाली

क्या आपके पास भी हाल ही में ऐसा कोई कॉल आया है जिसमें कहा गया हो – “जल्दी से KYC अपडेट करवा लीजिए, वरना आपकी सिम बंद हो जाएगी”? अगर हां, तो सतर्क हो जाइए, क्योंकि यह सिर्फ एक कॉल नहीं, बल्कि आपके बैंक अकाउंट को निशाना बनाने की चालाक साजिश हो सकती है।

TRAI की बड़ी चेतावनी

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने देश के करोड़ों मोबाइल यूजर्स के लिए एक अहम चेतावनी जारी की है। बीते कुछ हफ्तों में यह देखा गया है कि साइबर अपराधी खुद को TRAI का अधिकारी बताकर लोगों को KYC अपडेट, सिम बंद होने या फिर मोबाइल नंबर ब्लॉक होने जैसी बातों को लेकर कॉल कर रहे हैं।

इन कॉल्स का मकसद डर पैदा करना और फिर यूजर को एक लिंक या फॉर्म पर भेजकर उनकी पर्सनल और बैंकिंग डिटेल्स हासिल करना होता है। और एक बार आपने गलती से ये डिटेल्स शेयर कर दीं – तो समझ लीजिए, आपका बैंक बैलेंस भी ‘No Signal’ हो सकता है।

TRAI ने क्या कहा?

  • TRAI ने साफ-साफ कहा है कि वह कभी भी किसी यूजर को कॉल नहीं करता, न ही KYC जैसी चीज़ों के लिए संपर्क करता है।

  • TRAI को किसी भी सिम कार्ड को बंद करने का अधिकार नहीं है। यह काम सिर्फ टेलीकॉम कंपनियों – जैसे Jio, Airtel, Vi – द्वारा किया जा सकता है, वो भी जब KYC गलत हो या बिल बाकी हो।

अगर आए ऐसा कॉल तो क्या करें?

  1. किसी भी अजनबी नंबर से आई कॉल पर KYC की बात पर भरोसा न करें।

  2. ऐसे नंबर की तुरंत शिकायत करें – नेशनल साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके।

  3. संचार साथी ऐप डाउनलोड करें, और “चक्षु” सेक्शन में उस कॉल की पूरी जानकारी भरें।

  4. कभी भी किसी लिंक पर क्लिक न करें और न ही OTP या बैंक डिटेल्स शेयर करें।

सरकार भी उठा रही बड़ा कदम

भारत सरकार भी अब पुरानी तकनीक के सिम कार्ड्स को बदलने की योजना बना रही है। नई तकनीक वाले सिम कार्ड्स के जरिए धोखाधड़ी की संभावना को कम करने की कोशिश हो रही है। यह फैसला साइबर सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर लिया जा रहा है।

डिजिटल दौर में सतर्कता ही सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है

जब हमारी जिंदगी का हर पहलू – बैंकिंग से लेकर पहचान तक – मोबाइल नंबर से जुड़ चुका है, तब ऐसे फेक कॉल्स हमारे लिए गंभीर खतरा बन जाते हैं। मेरे ख्याल से, हमें सिर्फ टेक्नोलॉजी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि खुद की डिजिटल समझदारी और सतर्कता को बढ़ाना चाहिए।

सरकार और एजेंसियां जागरूकता फैला रही हैं, लेकिन असली जिम्मेदारी हमारी है कि हम “सावधान यूजर – स्मार्ट यूजर” बनें।