चुनाव में कई प्रकार की विचित्रताएं भी नजर आती है। क्या कोई दो बार मतदान कर सकता है? चुनावी चहल पहल में कुछ खास।
चुनाव के वक्त एक व्यक्ति को केवल एक बार ही मतदान करने का अधिकार है। यदि कोई चुनाव आयोग के ध्यान में एक व्यक्ति द्वारा दो बार मतदान की बात आए तो उस पर कानूनी कार्रवाई होती है। चुनाव आयोग पारदर्शी चुनाव के लिए जनजागृति से लेकर कई कार्य करता है। पर कुछ मुद्दे है, जो अभी तक नही सुलझे।
कश्मीर के पंडित अपने वतन कश्मीर मे ही अपने मताधिकार से वंचित है, गत लोकसभा चुनाव में फॉर्म भरने की समस्या के कारण कश्मीरी पंडितों में से केवल 13,537 लोग ही मतदान कर पाए थे। जिसके कारण हजारों वोट कम हुए हैं। लेकिन, चुनाव आयोग द्वारा फॉर्म भरने समस्या को दूर कर विशेष मतदान केंद्र की व्यवस्था की गई है। तो दूसरी ओर 4000 से अधिक लोग दो बार मतदान का लाभ लेते हैं।
यह कैसे संभव है? आज के चुनावी चहल पहल सेगमेंट में बात करते हैं, इन लोगों की!
देश के महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्य की सीमा पर आए 14 गांव के लोगों के नाम दोनों राज्यों की मतदाता सूची में है। ये सभी गांव इन दोनो राज्यों की सीमा पर है। यहां के लोगो के पास दो आधार कार्ड, दो वोटर आईडी, दो राशन कार्ड है। इन लोगो ने पहले तबके में मतदान किया ,अब चौथे तबके में भी मतदान करेंगे। इन गावों में मराठी स्कूल, हॉस्पिटल के साथ साथ तेलुगु स्कूल, हॉस्पिटल भी है। दोनो राज्यों से जुड़े होने के कारण दो दो सरपंच है। दोनो राज्यों में यदि कभी एक ही दिन मतदान होता है, तो ये 4000 लोग अपनी अनुकूलता अनुसार मतदान करने जाते हैं।
1956 में जब से आंध्र प्रदेश राज्य की रचना हुई है, तब से ही यह विवाद चल रहा है। दोनों राज्यों में मतदान न हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। लोगों को समझाया जाना चाहिए, कि यह गैरकानूनी है। उनकी उंगली पर स्याही की एक लकीर के बदले उंगली स्याही से रंगने की योजना बनाई जा रही है, ताकि जब भी दूसरी बार मतदान करने आए तो उन्हें रोका जा सके।
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