CATEGORIES

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
Tuesday, November 19   6:51:57

कोरोनाकाल में हुए नुकसान की भरपाई कैसे होगी?

पिछले दो साल से हर कोई कोरोना से जूझ रहा है। लोगों की जिंदगी के साथ-साथ व्यापार, कारोबार, नौकरी पर इसका बुरा असर पड़ा है। ऐसे में लोगों को सरकार से काफी उम्मीदें थीं। इस खबर में हम आपको यही बताएंगे कि क्या कोरोनाकाल में हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने कोई कदम उठाया है? इस बजट में आपको राहत देने के लिए सरकार ने क्या-क्या एलान किया है? 

मिडिल क्लास के लिए क्या? 

मिडिल क्लास के लोगों को इस बार के बजट से मायूसी मिली है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स स्लैब पर छूट की कोई नई घोषणा नहीं की। इस वजह से इस बार भी आयकर में कोई छूट नहीं मिली है। ऐसे में पुराने टैक्स स्लैब ही लागू रहेंगे। 

इसके मुताबिक, 2.5 लाख रुपये तक की सालाना आय ही टैक्स फ्री रहेगी। अगर आपकी इनकम 2.5 से पांच लाख के बीच है तो आपको पांच लाख – 2.5 लाख = 2.5 लाख रुपए पर पांच फीसदी टैक्स देना होगा। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87ए का फायदा उठाकर आप पांच लाख रुपए तक की सालाना इनकम पर टैक्स बचा सकेंगे।

सरकार 2.5 लाख से पांच लाख तक की कमाई पर पांच फीसदी की दर से इनकम टैक्स तो वसूलती है, पर इस टैक्स को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87ए के तहत माफ कर देती है। मतलब यह कि अगर किसी की सालाना टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपए तक है, तो उसे कोई इनकम टैक्स नहीं देना होता है, लेकिन अगर आपकी कमाई 5 लाख 10 हजार रुपए हुई तो आपको 10 हजार रुपए पर टैक्स देने के बजाय 5.10 लाख – 2.5 लाख = 2.60 लाख पर टैक्स देना होता है।

कॉरपोरेट सेक्टर के लिए क्या?

मिडिल क्लास को भले ही टैक्स में छूट नहीं मिला, लेकिन सरकार ने कोरोना का दंश झेल रही कॉरपोरेट सेक्टर को बड़ी राहत दी है। सरकार ने एक करोड़ से कम आय वाली कंपनियों के सरचार्ज 12% से घटाकर 7% कर दिया है। इसी तरह सहकारी समितियों के लिए वैकल्पिक न्यूनतम कर को 18.5% से घटाकर 15% किया गया। स्टार्टअप्स को भी बड़ी राहत दी गई है। सरकार ने स्टार्टअप कंपनियों को टैक्स में छूट के लिए एक साल की सीमा बढ़ा दी है। अभी तक तीन साल तक नए स्टार्टअप्स को टैक्स में छूट मिलती थी अब इसे एक साल और बढ़ा दिया गया है। 

एजुकेशन सेक्टर के लिए क्या?

कोरोनाकाल में एजुकेशन सेक्टर पर सबसे ज्यादा असर पड़ा। इसको देखते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शिक्षा जगत, रोजगार, कौशल विकास और उद्यमिता प्रोत्साहन के लिए कई बड़ी एवं अहम घोषणाएं कीं। निर्मला सीतारमण ने बताया कि देश में दो साल से जारी कोरोना महामारी के कारण सबसे ज्यादा शिक्षा का नुकसान आदिवासियों और देश के ग्रामीण और कमजोर क्षेत्र के लोगों को हुआ है। इस नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने पूरक (सप्लीमेंट्री) शिक्षा की व्यवस्था की है। 

नुकसान की भरपाई के लिए डिजिटल एजुकेशन (शिक्षा) पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ई-विद्या योजना के तहत एक चैनल एक क्लास योजना को 12 से 200 टीवी चैनल तक बढ़ाया जाएगा। इस पर पहली से 12वीं तक की कक्षा के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। टीवी, मोबाईल और रेडियो के माध्यम से सभी क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा मुहैया कराई जाएगी।

बजट में शिक्षा के लिए एक डिजिटल विश्वविद्यालय बनाने के भी घोषणा की गई है। वित्त मंत्री ने बताया कि मोबाईल के माध्यम से घर-घर तक शिक्षा की पहुंच बनाने के मकसद से एक डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। इसके माध्यम से सभी क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा की व्यवस्था होगी।

युवाओं के लिए क्या?

कोरोना के चलते बढ़ी बेरोजगारी को कम करने के लिए भी सरकार ने कई बड़े एलान किए हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री नेकहा कि आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत 16 लाख नौकरियां दी जाएंगी। मेक इन इंडिया के तहत 60 लाख नौकरियां आएंगी। अगले पांच साल में 30 लाख अतिरिक्त नौकरियां सृजित करने का वादा। कौशल विकास कार्यक्रमों का नई सिरे से शुरू किया जाएगा, ताकि रोजगार के अवसर बढ़ाए जा सकें। नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन प्रोग्राम उद्योगों की जरूरत के अनुसार बनाया जाएगा।

राज्यों में संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्रों को भी जरूरत के अनुसार अपग्रेड किया जाएगा। शहरों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए काम किया जाएगा। इसके अलावा पांच शीर्ष शिक्षण संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया जाएगा। इन्हें 25 हजार करोड़ का विशेष फंड दिया जाएगा। एआईसीटीई इन संस्थानों के लिए फैकल्टी और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की देखरेख करेगा। दो लाख आंगनबाड़ी को अपग्रेड किया जाएगा। 

एमएसएमई सेक्टर के लिए ?

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम  (एमएसएमई) सेक्टर को बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि पांच साल में छह हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे। उदयम, ई-श्रम, एनसीएस और असीम पोर्टल आपस में जुड़ेंगे। इससे इनकी संभावनाएं और ज्यादा बढ़ेंगी। अब ये लाइव ऑर्गेनिक डेटाबेस के साथ काम करने वाले प्लेटफॉर्म होंगे। इनसे क्रेडिट सुविधाएं मिलेंगी और आंत्रप्रेन्योरशिप के लिए संभावनाएं बनेंगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि अब इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत 1.30 करोड़ से अधिक एमएसएमई को लोन दिए गए हैं। ईसीएलजीएस के दायरे को 50 हजार करोड़ रुपए से बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपए तक कर दिया गया है। इससे एमएसएमई को दो लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त लोन मिल सकेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि उद्यम, ई-श्रम , एनसीएस और असीम पोर्टल्स को लिंक किया जाएगा। इससे एमएसएमई का दायरा बढ़ जाएगा। छोटे और लघु उद्योगों को दो लाख करोड़ रुपये की मदद दी जाएगी।

स्वास्थ्य के लिए क्या?

केंद्रीय वित्त मंत्री ने महामारी को देश के लिए चुनौती बताई। कहा कि देश में अब नेशनल डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम लागू किया जाएगा। इसमें स्वास्थ्य प्रदाताओं और स्वास्थ्य सुविधाओं की डिजिटल रजिस्ट्रियां, विशिष्ट स्वास्थ्य पहचान और लोगों तक आसानी से डिजीटली माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने पर जोर दिया जाएगा। गौरतलब है कि कोरोना के इस दौर में लगे लॉकडाउन के समय में टेली मेडिसिन एंड कंसल्टेंसी ने लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

 इसके अलावा मानसिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों लिए नेशनल टेलीमेंटल हेल्थ प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। इसके तहत देश में 23 टेली मेंटल हेल्थ सेंटर शुरू किए जाएंगे। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (निमहंस) इसका नोडल सेंटर होगा और आईआईटी बैंगलोर इसके लिए प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान करेगा। इसके अलावा सरकार ने पहले से चल रहे मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 को शुरू करने का एलान किया।