खुशी कोई मंज़िल नहीं, बल्कि जीने की एक खूबसूरत कला है। जीवन में सुख-दुःख का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन सच्चा आनंद उसे महसूस करने के नज़रिए पर निर्भर करता है। अगर हम सही सोच अपनाएँ, तो हर पल को खुशी में बदला जा सकता है।
खुशी का रहस्य: भीतर की दुनिया को संवारें
खुशी बाहरी चीज़ों में नहीं, बल्कि हमारे भीतर है। प्रसिद्ध सूफ़ी कवि रूमी ने कहा था:
“जब आत्मा संतोष में डूबी होती है, तब दुनिया छोटी लगती है और शब्द बेमानी हो जाते हैं।”
सच्ची खुशी तब आती है जब हम छोटी-छोटी चीज़ों में आनंद ढूंढना सीखते हैं—एक सुंदर सुबह, किसी अपने की हंसी, या एक प्याली चाय की गर्माहट।
तनाव को अलविदा कहें: सरल और असरदार तरीके
हम तनाव से बच नहीं सकते, लेकिन उसे नियंत्रित ज़रूर कर सकते हैं। कुछ असरदार तरीके अपनाकर आप इसे आसानी से दूर कर सकते हैं:
सांसों का जादू: जब भी तनाव महसूस हो, गहरी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ें। यह मन को तुरंत शांत कर देता है।
मनपसंद गतिविधियों में डूब जाएं: संगीत सुनें, कविता लिखें, किताबें पढ़ें या कूची से रंगों का खेल रचें। ये सब तनाव भगाने के शानदार तरीके हैं।
शारीरिक व्यायाम: एक सैर, हल्की दौड़, या योग न केवल शरीर बल्कि दिमाग को भी तरोताजा करता है।
सकारात्मक साहित्य पढ़ें: कविता और प्रेरणादायक लेखन दिल को हल्का कर देते हैं जैसे हरिवंश राय बच्चन जी ने कहा है:
“मन का हो तो अच्छा, मन का न हो तो और भी अच्छा।” (अगर सब कुछ हमारी मर्जी से हो तो अच्छा, लेकिन अगर न हो, तो और भी अच्छा क्योंकि उसमें परमात्मा की मर्जी होती है।)
वर्तमान को अपनाएं: पल-पल में खुशी खोजें
हम अक्सर या तो अतीत के पछतावे में उलझे रहते हैं या भविष्य की चिंता में खो जाते हैं। जबकि असली जीवन ‘अभी’ में है। जैसा कि संत कबीर ने कहा है:
“काल करे सो आज कर, आज करे सो अब। पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब।”
मतलब, जो काम कल करना है उसे आज करो, और जो आज करना है, उसे अभी करो। जीवन का हर लम्हा एक उपहार है, इसे संजोना सीखें।
खुशी पर एक सुंदर कविता
चलो मुस्कान बाँटते हैं,
ख़ुशियों के गीत गाते हैं
जो बीत गया वो सपना था,
जो आया है उसे अपनाते हैं
हर लम्हा नया है,
हर पल एक तोहफ़ा।
बस इसे खुली बाहों से अपनाओ,
जीवन को मधुरता दो थोड़ा
अंतिम विचार: खुशी को चुनें, हर दिन
खुश रहना हमारी अपनी पसंद है। इसका मतलब यह नहीं कि कठिनाइयाँ नहीं आएंगी, बल्कि यह है कि हम हर स्थिति में सकारात्मकता का चुनाव करें। जब हम कृतज्ञता, प्रेम और आत्म-देखभाल को अपनाते हैं, तो जीवन सच में सुंदर बन जाता है।
जैसा कि दलाई लामा कहते हैं:
“खुशी कोई तैयार चीज़ नहीं है, यह आपके अपने कार्यों से आती है।”
तो फिर किस बात का इंतजार? हर दिन को खास बनाइए, मुस्कुराइए, और खुशी को गले लगाइए!
खुशी पर एक प्रेरणादायक कविता – महादेवी वर्मा
यह नीरवता की अमानत,
यह संध्या की आरती,
यह उषा का स्वर्ण-विभूषण,
मधुर मिलन की वार्ता।।
हृदय कोमल बना रहेगा,
अश्रु जो इसमें बहेंगे,
हँसी से जगमगाएगा,
अगर सपने सजे रहेंगे।।
हर दुख की छाया मिटा दो,
हर पल में मधुरता भरो,
खुशी के दीप जलाकर,
इस जीवन को संगीत दो।।
“महादेवी वर्मा “

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