3 दिसंबर का दिन कोई कैसे भूल सकता है। जब भोपाल की हवा में जहर घुल गया था। 2 और 3 दिसंबर, 1984 की आधी रात को यूनियन कार्बाइड के कीटनाशक संयंत्र से जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट के रिसाव से 3 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और 1.02 लाख लोग प्रभावित हुए थे। हालांकि, बाद में प्रभावितों की संख्या बढ़कर 5.70 लाख से अधिक हो गई।
आज का दिन भारत के इतिहास में सबसे भयंकर माना जाता है। भोपाल गैस त्रासदी के अवशेष अभी भी यहां वैसे ही हालत में है जैसे 39 साल पहले थे। लेकिन, इस त्रासदी को लेकर अभी भी कई सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब आजतक कोई नहीं ढूंढ पाया है। करीब 10 साल पहले भोपाल गैस कांड के मुख्य आरोपी वारेन एंडरसन की मौत होगी थी। उस काली रात के आरोपी वारेन एंडरसन को कभी गिरफ्तार नहीं किया गया। भारत सरकार ने भी एंडरसन को बचकर जानें दिया। बाद में अदालत में भी उसपर ढंग से कार्रवाई नहीं की। यहां तक घटना के वक्त प्लांट में मौजूद शकील कुरैशी को तो आज तक पकड़ा भी नहीं जा सका।
2 और 3 दिसंबर 1984 की आधी रात पुराने भोपाल के सघन इलाके में यूनियन कार्बाइड के कारखाने से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का रिसाव हुआ था। उस वक्त वारेन एंडरसन यूनियन कार्बाइड के चेयरमैन थे। वे त्रासदी के बाद भोपाल आए, लेकिन उन्हें सही सलामत भोपाल से रवाना कर दिया गया।
बताया जाता है कि पुलिस और प्रशासन के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने वारेन एंडरसन को एक स्पेशल प्लेन तक सरकारी गाड़ी से खुद छोड़ा। इस पूरे मामले की जांच राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने सीबीआई से कराई थी।
घटना के तीन साल तक जांच करने के बाद सीबीआई ने वारेन एंडरसन सहित यूनियन कार्बाइड के 11 अधिकारियों के खिलाफ अदालत में चार्टशीट भी दाखिल की थी। लेकिन इसके बाद भी एंडरसन को कभी भारत वापस नहीं लाया जा सका। उसकी अनुपस्थिति में ही पूरा मुकदमा भी चला। जून 2010 में इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया जिसमें कार्बाइड के अधिकारियों को जेल और जुर्माने की सजा सुनाई। अधिकारियों ने जुर्माना भार और सेशन कोर्ट में अपील दायर कर दी।
हजारों की मौत के आरोपी को कभी सजा नहीं हो पाई। इस पूरी घटना का अहम किरदार शकील अहमद कुरेशी था। जो घटना के वक्त प्लांट पर ड्यूटी कर रहा था। शकील ने अहमद को महज दो साल की ही सजा सुनाई थी।
शकील अहमद कौन है और कैसा दिखता है ये तो आज भी रहस्य बनकर रह गया है। शकील अहमद को 39 साल बाद भी सीबीआई खोज नहीं पाई। उसकी फोटो भी सीबीआई के पास मौजूद नहीं है। एक ओर नजर डाले तो विश्व की इस भीषण गैस त्रासदी के गुनाहगारों के जेल जाने की संभावाएं लगभग समाप्त हो चुकी हैं।
वारेन एंडरसन की मृत्यू कई वर्षों पहले अमेरिका में हो चुकी है। निचली अदालत ने जिन्हें सजा सुनाई, उन्होंने अपील कर अपने आपको जेल जाने से बचा लिया है।

More Stories
Mostbet Güncel Giriş”
Pinup Kazino Rəsmi Saytı
تنزيل 1xbet => جميع إصدارات 1xbet V 1116560 تطبيقات المراهنات + مكافأة مجانية”