झांसी (उत्तर प्रदेश):उत्तर प्रदेश के झांसी से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जब महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में शुक्रवार रात एक भीषण आग लग गई। इस हादसे में 10 नवजातों की जलकर मौत हो गई, जबकि बाकी नवजातों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया। आग में बुरी तरह झुलसने के कारण 10 नवजातों की जान चली गई। शनिवार सुबह से इन नवजातों के शवों का पोस्टमॉर्टम शुरू कर दिया गया है।
इस गंभीर घटना के बाद उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मौके पर पहुंचकर मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस हादसे की गंभीरता को समझते हुए इसकी व्यापक जांच कराएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, जिला प्रशासन और मजिस्ट्रेट की ओर से अलग-अलग स्तर पर जांच की जाएगी। साथ ही, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा भी किया गया है।
आग का कारण और बचाव की कोशिशें
अग्निकांड रात लगभग 10:20 बजे हुआ था। जैसे ही आग की जानकारी मिली, अस्पताल प्रशासन ने जल्दी से खिड़कियों को तोड़कर नवजातों को बाहर निकालने की कोशिश की। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि NICU में आग बुझाने के लिए सभी फायर एक्सटिंगुइशर्स काम कर रहे थे, और जून महीने में आग से बचाव के लिए एक मॉक ड्रिल भी की गई थी। लेकिन बावजूद इसके, आग इतनी भीषण थी कि 10 नवजातों की जान नहीं बचाई जा सकी।
अस्पताल के प्रमुख डॉ. एन एस सेंगर ने बताया कि सभी 49 नवजातों की पहचान कर ली गई थी। जिन 10 बच्चों की मौत हुई, उनके पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है। बाकी 39 बच्चे, जो जले नहीं थे, उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। उन्हें अस्पताल के अन्य वार्ड्स में और कुछ निजी अस्पतालों में शिफ्ट कर दिया गया है।
फायर सुरक्षा पर उठे सवाल
हालांकि अस्पताल प्रशासन ने दावा किया कि आग बुझाने के लिए सभी सुरक्षा उपाय पूरे किए गए थे, लेकिन इस हादसे ने अस्पताल के फायर सुरक्षा प्रणालियों पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इतना ही नहीं, अस्पताल में एक नया 51 बेड का NICU वार्ड तैयार किया जा रहा था, जिसमें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होने वाली थीं। इस नए वार्ड का निर्माण करीब दस साल पहले शुरू हुआ था, लेकिन यह हादसा एक महीने पहले उस वार्ड के शिफ्ट करने से पहले ही हो गया।
पीएम मोदी ने भी किया शोक व्यक्त
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में हुईं मृत्यु पर आज शोक व्यक्त किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार की निगरानी में स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव सहायता करने में जुटा है।
एक्स पर अपनी एक पोस्ट में प्रधानमंत्री ने लिखा: “हृदय विदारक! उत्तर प्रदेश में झांसी के मेडिकल कॉलेज में आग लगने से हुआ हादसा मन को व्यथित करने वाला है। इसमें जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी गहरी शोक-संवेदनाएं। ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें इस अपार दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव के हरसंभव प्रयास में जुटा है: PM @narendramodi”
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए यह कहा कि सरकार किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने जांच के लिए तीन स्तरों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया – स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन, और मजिस्ट्रेट द्वारा अलग-अलग जांच की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों की लापरवाही से यह घटना हुई है, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह हादसा न केवल झांसी बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में एक गंभीर सुरक्षा चूक को उजागर करता है। अस्पतालों में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए फायर सुरक्षा व्यवस्थाओं की मजबूती और उचित उपकरणों का होना जरूरी है। इसके अलावा, अस्पतालों को इस तरह की दुर्घटनाओं से निपटने के लिए और अधिक प्रभावी तैयारी करने की आवश्यकता है। जब अस्पतालों में नवजातों जैसे संवेदनशील मरीजों की सुरक्षा की बात आती है, तो हर कदम पर सख्ती और सावधानी बरतनी चाहिए।
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