Vijay Diwas: आज भारतीय सेना विजय दिवस मना रही है। 16 दिसंबर 1971 का वह दिन जब भारतीय सेना के सामने पाकिस्तान का सबसे बड़ा सैनिक समर्पण हुआ।
16 दिसंबर 1971 को भारतीय सेना ने भारत पाकिस्तान युद्ध में ज्वलंत जीत हासिल की। 52 साल पहले आज ही के दिन पाकिस्तान की सेना के 93,000 से अधिक सैनिकों ने ढाका में आत्मसमर्पण किया। यह सबसे बड़े आत्म समर्पण की एक ऐतिहासिक घटना थी।इस युद्ध मे पाकिस्तान की करारी हार हुई थी।
सेम हॉरमुसजी फैमजी जमशेदजी मानिकशॉ यानि हमारे पद्म विभूषण, पद्म भूषण सैम मानेकशॉ उस समय भारतीय सेना के सेनाध्यक्ष थे।फील्ड मार्शल का पद प्राप्त करने वाले वे पहले भारतीय सेना अधिकारी थे।उनकी अगवानी में हुए इस युद्ध में पाकिस्तान की ऐसी करारी हार हुई कि उसे पूर्व पाकिस्तान से हाथ धोना पड़ा।और बंगलादेश का उदय हुआ।
” तुम चारों तरफ से घिर चुके हो,भारतीय सेना बांग्लादेश में है।तुम्हारी एयरफोर्स तबाह की जा चुकी है।अगर सरेंडर नही किया तो बेरहमी से मारे जाओगे।” इस संदेश से पाकिस्तानी सेना की रही सही उम्मीद भी खत्म हो गई।और पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल ए. के. नियाजी ने आत्मसमर्पण के दस्तावेजों पर दस्तखत कर भारत के लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के स्वीकृति दस्ताखत के साथ समर्पण किया।यह एक ऐतिहासिक घटना थी, जिसका विश्व ने लोहा माना।
भारतीय सेना की ज्वलंत जीत पर विजय दिवस के उपलक्ष्य में हम भारतीय सेना को सलाम करते हैं।

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