झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने गुरुवार को रांची में शपथ ग्रहण की। यह हेमंत सोरेन का चौथा कार्यकाल है और 49 वर्षीय झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता के लिए यह एक बड़ी जीत है। शपथ ग्रहण समारोह में कई प्रमुख राजनीतिक नेता शामिल हुए, जिनमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रमुख थीं। शपथ उन्हें झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने दिलाई।
हेमंत सोरेन ने हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में बारहाट सीट पर अपनी जीत दर्ज की, जहां उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार गमलियेल हेम्ब्रम को 39,791 वोटों से हराया। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और भारतीय राष्ट्रीय विकास गठबंधन (INDIA) ने विधानसभा में 81 में से 56 सीटों पर विजय प्राप्त की, जबकि बीजेपी-नितीश गठबंधन (NDA) को 24 सीटों पर संतोष करना पड़ा।
शपथ ग्रहण समारोह में बड़ी संख्या में राजनीतिक हस्तियों ने भाग लिया। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल, राघव चड्ढा, संजय सिंह, बिहार के विपक्षी नेता तेजस्वी यादव, डीएमके के उधयनिधि स्टालिन और कर्नाटका के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार सहित कई अन्य नेताओं ने समारोह में शिरकत की।
इस मौके पर रांची शहर में स्कूलों की छुट्टी रखी गई थी और समारोह को लेकर सारा माहौल राजनीतिक जोश और उमंग से भरा था। हेमंत सोरेन ने शपथ अकेले ली, जबकि उनके मंत्रिमंडल का विस्तार विधानसभा में विश्वास मत प्राप्त करने के बाद किया जाएगा।
हेमंत सोरेन का चौथा कार्यकाल झारखंड के लिए एक नई उम्मीद की किरण हो सकता है। राज्य में सत्ता के बदलाव से उम्मीद की जा रही है कि राज्य में विकास की नई राहों का निर्माण होगा, खासकर आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लिए। लेकिन साथ ही, राज्य में कई राजनीतिक चुनौतियाँ भी हैं जिनसे निपटने की जरूरत है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह अपने नेतृत्व में राज्य के आर्थिक और सामाजिक मोर्चों पर कैसे काम करते हैं।
इस जीत के साथ, हेमंत सोरेन का नेतृत्व अब और भी मजबूत हो गया है और उनके लिए यह समय है कि वह झारखंड के विकास में अपनी पार्टी और गठबंधन के साथ मिलकर सकारात्मक कदम उठाएं।
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