सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। सेम सेक्स मैरिज का समर्थन कर रहे याचिकाकर्ताओं ने इसे स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत रजिस्टर्ड करने की मांग की है। वहीं केंद्र सरकार ने इसे भारतीय समाज के खिलाफ बताया है।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल 20 याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं का कहना है कि 2018 में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने समलैंगिकता को अपराध मानने वाली IPC की धारा 377 के एक पार्ट को रद्द कर दिया था। इस फैसले के बाद दो एडल्ट आपसी सहमति से समलैंगिक संबंध बनाते हैं तो यह अपराध नहीं है। ऐसे में समलैंगिक विवाह को मंजूरी मिलनी चाहिए।

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