हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजों में बीजेपी को बहुमत मिल गया है। ताजा आंकड़ों में बीजेपी 51 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस 34 सीटों पर पीछे चल रही है। मौजूदा हालात के आधार पर कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के कारणों की चर्चा शुरू हो गई है। जिसमें पार्टी के खराब प्रदर्शन का मुख्य कारण राज्य में पार्टी के चेहरे पूर्व सीएम भूपेन्द्र हुड्डा और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा के बीच मतभेद को माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री पद की दौड़ में थे भूपेन्द्र हुड्डा और कुमारी शैलजा
हरियाणा में कुमारी शैलजा और पूर्व सीएम भूपेन्द्र हुड्डा दोनों ही सीएम के दावेदार माने जा रहे हैं। इस वजह से दोनों नेताओं के बीच अनबन की खबरें आती रहती हैं। भूपेन्द्र हुड्डा हरियाणा के प्रमुख जाट नेता हैं। साथ ही वह लंबे समय तक हरियाणा में कांग्रेस का प्रमुख चेहरा रहे हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में भी भूपेन्द्र हुड्डा कांग्रेस का मुख्य चेहरा थे और तब भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। इसलिए इस बार उन्हें अग्रणी स्थान दिया गया, लेकिन पार्टी के पास सीएम पद की दौड़ में अन्य नेता भी शामिल हैं, जिनमें कुमारी शैलजा का नाम सबसे आगे है। कुमारी शैलजा हरियाणा में दलित राजनीति का एक प्रमुख चेहरा हैं। इसके अलावा वह पांच बार सांसद रहे हैं और कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं।
चुनाव प्रचार के दौरान कुमारी शैलजा ने संकेत दिया था कि पार्टी जिन नेताओं पर सीएम पद के लिए विचार कर सकती है उनमें मेरा नाम भी शामिल है। मतगणना से पहले कुमारी शैलजा ने पार्टी आलाकमान से भी मुलाकात की।
कुमारी शैलजा की सीएम पद पर दावेदारी पर भूपेन्द्र हुड्डा ने कहा, ‘लोकतंत्र में सीएम पद पर सभी का अधिकार है, लेकिन सीएम चुनने की एक प्रक्रिया होती है, जिसमें विधायक अपनी राय देते हैं और उसके बाद ही पार्टी ऊंची होती है। आदेश निर्णय लेता है।’
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