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Sunday, December 22   11:51:31

गुजरात में दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाता है Happy New Year

हिंदू मान्यताओं के अनुसार दिवाली का त्योहार काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे अंधेरे पर रौशनी की जीत के प्रतिक के रूप में भी मनाया जाता है। वैसे तो देशभर में इस त्योहार को धूम-धाम से मनाया जाता है, लेकिन गुजरात में दिवाली के अगले दिन भी त्योहार का जश्न जारी रहता है। दरअसल गुजरात में दिवाली के दिन पुराना साल खत्म हो जाता है और उसके दूसरे दिन नए साल का शुभारंभ होता है, जिसे नया साल कहा जाता है।

गुजरात में त्योहार की शुरुआत बाघ बारस से हो जाती है। इसके बाद धनतेरस, दिवाली, नया साल और भाई दूज के त्योहार आते हैं। लेकिन, इन सब के बीच यहां नया साल बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के कार्तिक महीने में नया साल मनाया जाता है। इस दिन गुजराती लोग मंदिरों में देवी-देवताओं की पूजा करते हैं और नए वस्त्र धारण कर अपने रिश्तेदारों और करीबियों को गले लगकर उन्हें नए साल की शुभकामनाएं देते हैं। गुजरात में नए साल को वर्षा-प्रतिपदा या पड़वा भी कहा जाता है।

कहा जाता है कि गुजरात के लोग बहुत ही खुशमिजाज होते हैं। वे पिछले साल की गलतियों को अपने दिल में लेकर नहीं बैठते। इसलिए वे नई एनर्जी और पॉजिटिविटी के साथ नए साल का स्वागत कर नए जीवन का शुभारंभ करते हैं।

गुजराती संस्कृति में नया खाता खोलना और पुराने को बंद करना चोपड़ा कहलाता है। गुजरात में ज्यादातर लोग बिजनेस से जुड़े हैं। इस खास दिन ये लोग चोपड़ा पूजा में देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं जिससे आने वाला वर्ष और अधिक समृद्ध और फलदायी हो। इसके अलावा चोपड़ा पूजा में देवी सरस्वती की भी पूजा की जाती है। इस दिन लोग अपनी बहीखातों पर शुभ और लाभ लिखते हैं जिससे उनका हर कार्य शुभ हो। खाते की किताब पर एक स्वास्तिक भी बनाया जाता है। व्यापारियों के लिए यह दिन खास तौर पर महत्व रखता है क्योंकि यह दिन उनके लिए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के लिए जाना जाता है। इसलिए वे इस दिन पर नए खाते खोलते हैं।

एक और चीज है जो नए साल के महत्व को बढ़ाती है,वह है सबरस यानी नमक। गुजरात में इस दिन सबरस को बहुत अहमियत दी जाती है। नए साल के दिन बच्चे घर-घर जाकर नमक के डेले बांटते हैं। इसके बदले में लोग उन्हें रिवाज के रूप में धनराशि देते हैं। यह नमक घर पर सुख समृद्धि बढ़ाने के लिए नमक के भंडार में रख दिया जाता है। माना जाता है कि इस दिन वहीं नमक रखने से घर में सुख समृद्धि साल भर बनी रहती है। जिस प्रकार नमक के बिना पकवान फीके होते हैं। नमक डालने से ही पकवान में असली टेस्ट आता है। यानी सबकारस वैसे ही यह नमक (सबरस) घर पर रखने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

इस नए साल पर वीएनएम टीवी की ओर से आप सभी को नव वर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएं।