रोहित का बचपन काफी गरीबी में बीता है। उनके पिता गुरुनाथ शर्मा, ट्रेवल कंपनी की देखभाल का काम करते थे। रोहित के पिता की इनकम ज्यादा नहीं थी, इसलिए उनका लालन पालन बोरीवली में उनके दादा और चाचा ने किया था। रोहित ने 1999 में अपने चाचा की आय से ही एक क्रिकेट कैम्प में क्रिकेट खेलना शुरू किया था। हिटमैन को उनके चाचा ने ही पहला क्रिकेट बैट दिलाया था।
उस समय रोहित के कोच दिनेश लाड थे और उन्होंने कहा था कि तुम अपने विद्यालय को बदल कर स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल में आ जाओ, क्योंकि लाड वहीं पर कोच के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने ऐसा कहा ताकि रोहित को क्रिकेट खेलने में ज्यादा सुविधा मिल सके।
रोहित ने अपने करियर की शुरुआत बतौर ऑफ स्पिनर की थी, लेकिन बाद में कोच दिनेश लाड की सलाह पर उन्होंने बल्लेबाजी पर ध्यान दिया। तब रोहित 8वें नंबर पर बल्लेबाजी करते थे और लाड ने बाद में इनको ओपनिंग करने के लिए भेजना शुरू किया। बतौर ओपनर रोहित ने पहले ही मैच में शतक जड़ा था। उसके बाद से अब तक रोहित ने क्रिकेट में कई मुकाम हासिल किए हैं।
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इंटनरनेशनल डेब्यू हुआ 2007 में
2007 के आयरलैंड दौरे पर रोहित शर्मा को टीम इंडिया के लिए पहला वनडे मैच खेलने का मौका मिला था। हालांकि, उस मैच में उनकी बल्लेबाजी नहीं आ सकी। इसके बाद रोहित 2007 में खेले गए पहले टी-20 वर्ल्ड कप की टीम में भी चुने गए। साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच में हिटमैन को पहली बार टी-20 इंटरनेशनल में बल्लेबाजी का मौका मिला और उन्होंने 40 गेंदों पर नाबाद 50 रन बनाए। भारत ने मैच 37 रन से जीता और शर्मा जी ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ रहे।
पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप के फाइनल में भी उन्होंने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 16 गेंदों पर 30 रन की नाबाद पारी खेली थी।
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टेस्ट डेब्यू हुआ 2013 में
वनडे और टी-20 क्रिकेट में धाक जमाने के पूरे 6 साल बाद हिटमैन को टेस्ट डेब्यू करने का मौका मिला। रोहित ने अपने टेस्ट करियर का आगाज वेस्टइंडीज के खिलाफ 9 नवंबर 2013 में कोलकाता के ईडन गार्डेन्स पर किया था। उस मैच में रोहित ने 177 रनों की पारी खेली थी। अपने दूसरे टेस्ट मैच में भी उन्होंने विंडीज के खिलाफ शतक ठोका था।
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कप्तान के रूप में रोहित का शानदार रिकॉर्ड
कप्तान के रूप में रोहित का रिकॉर्ड शानदार है। उन्होंने 43 इंटरनेशन मैचों में भारत की कप्तानी की है और 37 मैच जीते हैं। केवल 6 में भारत को हार का सामना करना पड़ा। वहीं, IPL में उन्होंने अपनी टीम को 56.20 फीसदी मैच जिताए हैं। वो एकमात्र कप्तान हैं जिनके नाम पांच IPL ट्रॉफी जीतने का रिकॉर्ड है।
बतौर फुलटाइम भारतीय कप्तान बनने के बाद रोहित ने एक भी मैच नहीं हारा है। वो लगातार 14 मैच जीत चुके हैं। इस साल ऑस्ट्रेलियाई मैदानों पर टी-20 वर्ल्ड कप खेला जाना है और टीम इंडिया को हिटमैन से खिताब जिताने की बहुत उम्मीदें हैं।
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