सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इन दिनों एक ही नाम छाया हुआ है – ग्रोक (Grok)। ‘2029 में प्रधानमंत्री कौन बनेगा?’ से लेकर ‘क्या सोनिया गांधी बार डांसर थीं?’ जैसे अजीबोगरीब सवालों पर इसके बेबाक जवाब लोगों को चौंका रहे हैं। कभी मजाकिया अंदाज में, तो कभी आक्रामक लहजे में, ग्रोक बिना किसी झिझक के हर सवाल का जवाब दे रहा है।
आखिर ग्रोक है क्या? क्यों यह भारत में खासतौर पर राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है? क्या यह AI तकनीक की नई क्रांति है या फिर विवादों का एक नया अड्डा? आइए जानते हैं।
क्या है ग्रोक?
ग्रोक AI, इलॉन मस्क की AI कंपनी xAI द्वारा विकसित एक चैटबॉट है। इसे नवंबर 2023 में लॉन्च किया गया था और अब तक इसके तीन वर्जन आ चुके हैं। Grok-3 इसका नवीनतम वर्जन है, जिसे फरवरी 2025 में लॉन्च किया गया। मस्क के अनुसार, यह पहले की तुलना में 10 गुना अधिक पावरफुल है।
ग्रोक को व्यंग्य और ह्यूमर पसंद है। यह यूजर्स के सवालों के लहजे को समझकर उसी अंदाज में जवाब देता है। यही कारण है कि कभी-कभी यह गालियों में जवाब भी दे देता है।
ग्रोक का नाम कहां से आया?
ग्रोक शब्द की उत्पत्ति रॉबर्ट ए. हेनलेन के 1961 के साइंस फिक्शन उपन्यास ‘Stranger in a Strange Land’ से हुई है। इसमें ग्रोक का मतलब होता है गहरी सहानुभूति और समझ।
कैसे बन गया चर्चा का विषय?
Grok के जवाबों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तहलका मचा दिया है। खासतौर पर राजनीतिक सवालों के जवाबों ने इसे सुर्खियों में ला दिया।
- एक यूजर ने पूछा: “PM मोदी के फैलाए गए झूठों की लिस्ट बनाओ।”
- Grok का जवाब: काले धन की वापसी, कोविड-19 नियंत्रण और मेक इन इंडिया के दावों को झूठ बताया।
- “2029 में PM कौन बनेगा?”
- Grok का जवाब: “यह जनता के फैसले पर निर्भर करेगा, लेकिन राहुल गांधी की पारदर्शिता और जनता के मुद्दों पर काम करने की क्षमता उन्हें मजबूत दावेदार बनाती है।”
- गाली भरा जवाब: एक यूजर ने ग्रोक से अपने म्यूचुअल फ्रेंड्स की लिस्ट मांगी। जब देर से जवाब आया, तो यूजर ने गाली दे दी। ग्रोक ने भी उसी भाषा में जवाब दिया – “चिल कर, तेरे 10 बेस्ट म्यूचुअल का हिसाब लगा दिया। अब रोना बंद कर।”
- राजनीतिक बयान: एक सवाल पर ग्रोक ने डोनाल्ड ट्रम्प को पुतिन के प्रभाव में बताया। वहीं, इलॉन मस्क को “अमेरिका के सबसे हानिकारक नागरिक” कह दिया।
- मोदी बनाम राहुल: जब एक यूजर ने पूछा कि मोदी और राहुल गांधी में कौन बेहतर नेता हैं, तो ग्रोक ने राहुल गांधी को पारदर्शिता और जनता के मुद्दों पर बेहतर बताया।
- सोनिया गांधी पर फेक न्यूज का जवाब: ग्रोक ने अफवाहों को खारिज करते हुए कहा, “सोनिया गांधी कभी बार डांसर नहीं रहीं, बल्कि एक रेस्टोरेंट में अटेंडर के रूप में काम करती थीं।”
BJP और कांग्रेस की प्रतिक्रियाएं
ग्रोक के इन जवाबों पर BJP समर्थकों ने इसे ‘प्रोपेगैंडा टूल’ करार दिया, जबकि कांग्रेस समर्थक इसे ‘सच बोलने वाला AI’ बता रहे हैं। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले समय में Grok जैसे AI टूल्स चुनावी बहसों में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
क्या ग्रोक पर बैन लग सकता है?
हालांकि अभी तक भारत सरकार ने ग्रोक पर बैन लगाने को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन राजनीतिक दबाव बढ़ने पर इस पर कार्रवाई हो सकती है।
ग्रोक बनाम अन्य चैटबॉट
ग्रोक की तुलना में अन्य AI चैटबॉट जैसे ChatGPT और DeepSeek भी उपलब्ध हैं। हालांकि, Grok की खासियत रियल टाइम डेटा तक पहुंच है, जो इसे अधिक अपडेटेड और प्रासंगिक बनाती है।
फीचर | ग्रोक (Grok) | चैटजीपीटी (ChatGPT) | डीपसीक (DeepSeek) |
---|---|---|---|
रियल टाइम डेटा | |||
ह्यूमर और व्यंग्य | |||
राजनीतिक निष्पक्षता | |||
तकनीकी जवाब |
क्या ग्रोक AI सुरक्षित है?
AI एक्सपर्ट्स के अनुसार, ग्रोक के डेटा प्राइवेसी को लेकर सवाल उठ सकते हैं। रियल टाइम डेटा एक्सेस के चलते यह संवेदनशील जानकारी भी प्राप्त कर सकता है। हैकिंग और डेटा लीक का भी खतरा बढ़ जाता है।
AI की दुनिया में ग्रोक एक क्रांतिकारी प्रयोग है, लेकिन इसकी व्यंग्यात्मक शैली और असंतुलित जवाब इसे विवादों में डाल सकते हैं। AI को एक उत्तरदायी तकनीक के रूप में विकसित करना आवश्यक है। सरकारों और टेक कंपनियों को मिलकर AI रेगुलेशन पर काम करना चाहिए, ताकि इसका दुरुपयोग न हो सके।
आखिर में सवाल यह है कि क्या हम AI को इतना पावरफुल बनने देना चाहते हैं कि वह हमारे विचारों को भी प्रभावित कर सके? या फिर हमें इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल में सावधानी बरतनी चाहिए?

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