भारत के विकास में अब युवा नई आग बनकर सामने आ रहे हैं। भारत में 65 प्रतिशत आबादी युवाओं की है, जो विश्व के सभी देशों से सबसे ज्यादा हैं। ऐसे वक्त में युवाओं को अपने व्यक्तिगत जीवन से बढ़कर, अपनी नौकरी के साथ, समाज व देशहित में भी कार्य करने की भी जरूरत है। चट्टान तोड़ने की दम रखने वाले युवा आज इस धरती पर अपनी सूझ-बूझ से कुछ भी कर दिखा सकते हैं। इन्हीं युवाओं को बढ़ावा देने के लिए 12 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की ओर से इसे जागरुकता दिवस के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं से जुड़े सांस्कृतिक और कानूनी मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करना है।
कब हुई अंतर्राष्ट्रय युवा दिवस की पहल
अंतर्राष्ट्रय युवा दिवस मनाने का सुझाव सबसे पहले 1998 में विश्व सम्मेलन में दिया गया था। सम्मेलन में शामिल हुए मंत्रियों ने युवाओं के लिए एक दिन समर्पित करने का प्रस्ताव रखा था। इसके अगले साल 1999 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के प्रस्ताव को अपनाया गया। संयुक्त राष्ट्र सभा ने 17 दिसंबर 19999 को यह दिन मनाने का फैसला लिया था, लेकिन इसे 12 अगस्त साल 2000 से मनाया जाने लगा।
इंटरनेशनल यूथ डे 2023 का थीम
हर साल एक नए थीम के साथ इस इंटरनेशनल यूथ डे को सेलिब्रेट किया जाता है। इस साल इसका थी युवाओं के लिए ‘हरित कौशल: एक सतत विश्व की ओर’ (Green Skills for Youth: Towards a Sustainable World) रखी गई है। इस साल की थीम दुनिया में हरित परिवर्तिन की ओर लगातार कदम उठाने की ओर बढ़ावा दे रही है। यह न केवल पर्यावरण से जुड़ी तमाम परेशानियों को सकारात्मक रूप से खत्म करने को लेकर है, बल्कि सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ती भी जरूरी है।
इंटरनेशनल यूथ डे के अवसर पर युवाओं के मुद्दों और उनकी आवाज, कार्यों और सोच को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यह दिन युवाओं के गुणों और पूरे विश्व के विकास के लिए उनकी क्षमता का सम्मान करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
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