पिछले नौ दिनों में देशभर में 170 से अधिक उड़ानों को बम से उड़ाने की धमकियां मिलने के बाद केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाने का मन बना लिया है। इन फर्जी कॉल्स और धमकियों से न सिर्फ यात्रियों में दहशत फैली है, बल्कि एयरलाइंस को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए, सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बनाई है, क्योंकि अधिकांश अफवाहें और फर्जी धमकियां इसी मंच के माध्यम से फैल रही हैं।
केंद्र सरकार ने क्यों हटा दी ‘X’ पर नजर?
बम धमकी की अफवाहों ने भारत के विमानन क्षेत्र को संकट में डाल दिया है। यात्रियों और एयरलाइंस को लगातार प्रभावित करने वाली इन फर्जी धमकियों को रोकने के लिए, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने ‘X’ पर अपनी नजरें गड़ा ली हैं। सरकार का मानना है कि ऐसी अफवाहें अपराध को बढ़ावा देती हैं और समाज में दहशत का माहौल बनाती हैं। इसलिए, ‘X’ के खिलाफ कार्रवाई और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के साथ बैठक
सरकार ने ‘X’ और ‘मेटा’ जैसी कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ एक अहम बैठक की। इस बैठक की अध्यक्षता संयुक्त सचिव संकेत एस. भोंडवे ने की, जिसमें इन कंपनियों से सवाल किए गए कि वे फर्जी धमकियों और अफवाहों को रोकने के लिए क्या कदम उठा रही हैं। सूत्रों के अनुसार, सरकार ने इस तरह की अफवाहों को अपराध का समर्थन करने जैसा बताया और कंपनियों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने स्पष्ट किया है कि यात्रियों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि फर्जी धमकियां फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे लोगों को नो-फ्लाई लिस्ट में डालने पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि वे भविष्य में उड़ान सेवाओं का उपयोग न कर सकें। इसके साथ ही, फर्जी कॉल्स और अफवाहें फैलाने वालों पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
सोशल मीडिया की भूमिका और सरकार की सख्ती
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की भूमिका इस मामले में अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि फर्जी खबरें और अफवाहें तेजी से फैलती हैं। सरकार इस बात को सुनिश्चित करना चाहती है कि सोशल मीडिया कंपनियां अपनी जिम्मेदारियों को निभाएं और अफवाहों को रोकने के लिए तकनीकी उपायों का उपयोग करें। सरकार का यह रुख दिखाता है कि फर्जी धमकियों को हल्के में नहीं लिया जाएगा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।
सरकार की यह कार्रवाई दिखाती है कि वह यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और विमानन क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। फर्जी बम धमकियों जैसी घटनाएं न केवल सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती हैं, बल्कि एयरलाइंस और यात्रियों के लिए भी गंभीर वित्तीय और मानसिक क्षति का कारण बनती हैं। उम्मीद है कि सरकार और सोशल मीडिया कंपनियों के समन्वय से इस समस्या पर जल्द ही लगाम लगेगी।
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