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किसानों पर सरकार का क्रूर हमला, शंभू बॉर्डर पर बढ़ा तनाव ,बजरंग पुनिया ने उठाए सवाल

दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों पर शंभू बॉर्डर पर पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़प ने एक नई राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है। जहां एक तरफ किसानों ने अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया, वहीं दूसरी ओर सरकार ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस, वाटर कैनन और बैरिकेड्स का सहारा लिया।
हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर से दोपहर 12 बजे 101 किसान दिल्ली के लिए रवाना हुए, लेकिन पुलिस ने उन्हें घग्गर नदी पर बने पुल पर की बैरिकेडिंग पर रोक लिया। 40 मिनट तक पुलिस से बहस के बाद किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। जिसमें10किसान घायल हुए।करीब 2 घंटे बाद यानी 2 बजे किसानों के जत्थे को वापस बुला लिया गया। किसानों का आरोप है कि पुलिस ने रॉकेट लॉन्चर से बम-गोलियां चलाई। घग्गर नदी का गंदा और केमिकल वाला पानी प्रयोग किया।किसान नेता सरवण पंधेर ने कहा कि 16 दिसंबर को पंजाब को छोड़कर पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकाले जाएंगे।18 दिसंबर को पंजाब में 12 बजे से 3 बजे तक रेल रोको अभियान चलाया जाएगा। 18 तक कोई जत्था दिल्ली कूच नहीं करेगा।मार्च के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने अंबाला जिले के 12 गांवों में इंटरनेट बैन 18 दिसंबर तक बढ़ा दिया है।खनौरी बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पॉलिटिकल) के नेता जगजीत डल्लेवाल लगातार 19वें दिन आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। किसान नेता सरवण पंधेर ने कहा कि डल्लेवाल की सेहत को लेकर पूरा देश चिंतित है, लेकिन देश के प्रधानमंत्री नहीं।इसी बीच एक किसान ने आत्महत्या की कोशिश की है।उसने सल्फास निगल लिया। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। किसान नेता अस्पताल पहुंच रहे हैं। किसान की पहचान लुधियाना के खन्ना के रहने वाले जोद सिंह के रूप में हुई है।इस कार्रवाई को लेकर अब बजरंग पुनिया, जिन्होंने हमेशा किसानों के समर्थन में अपनी आवाज उठाई है, ने सरकार पर कड़ा हमला बोला है।

सरकार ने शंभू बॉर्डर को पाकिस्तान बॉर्डर जैसा बना दिया: बजरंग पुनिया

कांग्रेस किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पहलवान बजरंग पुनिया ने इस घटनाक्रम को लेकर केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा, “शंभू बॉर्डर पर किसानों पर जो हमले किए गए हैं, वह बिल्कुल वैसा ही है जैसा पाकिस्तान सीमा पर होता है। सरकार कहती है कि वे किसानों को नहीं रोक रहे, लेकिन आंसू गैस और वाटर कैनन से हमला कर रही है। यह किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास है।”

बाजार में नशा नहीं, सरकार के दावे पर सवाल

बजरंग पुनिया ने बीजेपी सांसद रामचंद्र जांगड़ा के बयान का भी विरोध किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि किसानों के धरने से 700 लड़कियाँ गायब हो गईं। बजरंग पुनिया ने कहा, “यह बेतुकी बातें हैं। बीजेपी नशे का आरोप पंजाब पर लगाती है, जबकि गुजरात के पोर्ट्स पर करोड़ों का नशा आ रहा है, लेकिन वहां की सरकार कुछ नहीं कहती। यह केवल राजनीति का हिस्सा है।”

पंजाब-हरियाणा का भाईचारा बिगाड़ने की साजिश

पुनिया ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार का इरादा पंजाब और हरियाणा के बीच के भाईचारे को खराब करने का है। उन्होंने कहा, “सरकार जानबूझकर किसानों को और जवानों को लड़वाने की कोशिश कर रही है। अगर सरकार एमएसपी की गारंटी दे दे, तो सारे विवाद खत्म हो जाएंगे। किसान घर लौटेंगे और अपने खेतों में काम करेंगे, लेकिन सरकार केवल बात कर रही है, कुछ कर नहीं रही।”

यह स्थिति दिखाती है कि सरकार और किसानों के बीच संवाद की कमी है। बजरंग पुनिया का यह कहना कि सरकार किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को बल प्रयोग से दबाने की कोशिश कर रही है, सही प्रतीत होता है। जब किसान सिर्फ अपने अधिकारों की मांग कर रहे हों, तो ऐसे में आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है। अगर सरकार किसानों के लिए MSP की गारंटी देती है, तो शायद यह संकट इस हद तक न बढ़ता।

किसानों की मांग सही है, और यह सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वे किसानों से संवाद स्थापित करें और उनकी समस्याओं का हल निकाले। यह समय है जब सरकार को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करना चाहिए, ताकि समाज में कोई और दरार न पड़ी और किसान अपनी मेहनत का पूरा हक पा सकें।