Google Doodle celebrates Hamida Banu: विश्व की सबसे स्ट्रोंग महिलाओं में से एक हमीदा बानों को याद करते हुए Google ने शनिवार यानी 4 मई को उनका डूडल रिलीज किया। माना जाता है कि हमीदा बानो भारत की सबसे ताकतवर महिला पहलवान थी। कुश्ती अखाड़े में महिलाएं क्या पुरुष भी उनके सामने खड़े होने से डरा करते थे। हम्मे से कई लोगों को हमीदा बानो के बारे में जानकारी नहीं होगी। गूगल ने जब हमीदा बानो का डूडल रिलीज किया तब सभी के मन में सवाल तो आया ही होगा कि आखिर हमीदा बानो थी कौन। तो चलिए आज हम आपको इनके बारे में सारी जानकारी देते हैं।
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में सन् 1924 को जन्मी हमीदा बानो भारत की पहली महिला पहलवान थी। उन्होंने 12 साल की उम्र में कुश्ती शुरू की और जल्दी ही अपनी प्रतिभा के लिए पहचानी जाने लगीं। उन्होंने कुश्ती सीखने की शुरुआत पहलवान फतेह मोहम्मद से की थी।
बानो ने अपने करियर में कई पुरस्कार और खिताब जीते, जिनमें 1950 का राष्ट्रीय महिला कुश्ती चैंपियनशिप भी शामिल है। उन्होंने कई विदेशी पहलवानों को भी हराया, जिनमें पुरुष पहलवान भी शामिल थे।
बानो न केवल एक कुशल पहलवान थीं, बल्कि महिलाओं के अधिकारों की भी प्रबल समर्थक थीं। उन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। 89 साल की उम्र में 2014 में उनका निधन हो गया।
Hamida Banu की उपलब्धियां
1950 में राष्ट्रीय महिला कुश्ती चैंपियनशिप जीती।
कई विदेशी पहलवानों को हराया, जिनमें पुरुष पहलवान भी शामिल थे।
1954 में “भारत की पहली महिला पहलवान” के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुईं।
1982 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित हुईं।
2013 में पद्म श्री से सम्मानित हुईं।
हमीदा बानो एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व थीं जिन्होंने भारतीय खेलों में महिलाओं के लिए रास्ता प्रशस्त किया। उनकी बहादुरी और दृढ़ संकल्प ने अनगिनत महिलाओं को अपने सपनों का पीछा करने और बाधाओं को पार करने के लिए प्रेरित किया।

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