Amin Sayani: जो लोग आज 60 वर्ष की उम्र के आसपास हैं, वह निश्चित ही उन दिनों को याद करते होंगे जब हर बुधवार रात 8 से 9 बजे के बीच सबकुछ छोड़कर रेडियो सिलोन चालू कर बैठ जाते थे। जैसे ही घड़ी में 8 बजते, एक खास लहजे में गूंजती, मर्दाना और अपनी सी लगने वाली आवाज़ सुनाई देती – “बहनों और भाइयों!” यह आवाज़ किसी और की नहीं, बल्कि मशहूर रेडियो उद्घोषक और पद्मश्री सम्मानित अमीन सायानी की थी।
अमीन सायानी का नाम सुनते ही याद आता है उनका ऐतिहासिक कार्यक्रम ‘बिनाका गीतमाला’ (बाद में कुछ समय के लिए ‘सीबाका गीतमाला’)। यह कार्यक्रम हर भारतीय फिल्मी गीत प्रेमी के दिल में बसता था। बुधवार की रात का यह एक घंटे का शो हर बार देशभर के सबसे लोकप्रिय, चार्टबस्टर गानों की रैंकिंग प्रस्तुत करता था। साल के अंत में ‘यह साल जो गाना चोटी की पायदान पर है’ सुनना हर किसी के लिए एक खास लम्हा होता था।
21 दिसंबर 1932 को जन्मे अमीन सायानी ने रेडियो जगत में ऐसा मुकाम हासिल किया जो अनंत है। उन्होंने 54,000 से ज्यादा रेडियो कार्यक्रम प्रस्तुत किए और करीब 19,000 जिंगल्स को अपनी आवाज़ दी। उनकी आवाज़ न केवल भारत में, बल्कि उपमहाद्वीप के हर कोने में भारतीय संगीत प्रेमियों के दिलों की धड़कन बन गई।
20 फरवरी 2024 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनकी रचनात्मकता और आवाज़ का जादू आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बना रहेगा।

More Stories
जब सपनों ने छोड़ा साथ ; सूरत में आर्थिक तंगी से टूटे परिवार ने चुना मौत का रास्ता
हैवान बना बेटा ; मटन के लालच में मां की कर दी हत्या, कलेजा निकाल तवे पर भूनकर खाया
क्या ममता बनर्जी की राजनीति में बदलाव लाएगा भगवा प्रभाव? जानिए 2026 के चुनाव का बड़ा खेल!