भारत में सोने और चांदी की कीमतों ने एक बार फिर नया रिकॉर्ड बना लिया है। शुक्रवार को 24 कैरेट सोने का भाव ₹2,913 की तेज बढ़त के साथ ₹93,074 प्रति 10 ग्राम पहुंच गया। यह अब तक की सबसे ऊंची कीमत है। इससे पहले सोने का उच्चतम स्तर ₹91,205 प्रति 10 ग्राम था, जो 3 अप्रैल को दर्ज किया गया था।
चांदी भी पीछे नहीं रही। एक दिन में ₹1,958 की छलांग लगाकर इसकी कीमत ₹92,627 प्रति किलो हो गई है। पिछले महीने 28 मार्च को चांदी ₹1 लाख के आंकड़े को भी छू चुकी है।
कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?
1. वैश्विक अनिश्चितता और मंदी की आहट:
अमेरिका की टैरिफ नीति ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार में तनाव बढ़ा दिया है। ट्रेड वॉर की आशंका और संभावित मंदी ने निवेशकों को सोने की ओर मोड़ा है, जिसे हमेशा सुरक्षित निवेश माना जाता है।
2. डॉलर के मुकाबले कमजोर होता रुपया:
रुपया इस साल करीब 4% कमजोर हुआ है। चूंकि भारत सोना आयात करता है, तो डॉलर महंगा होने से सोने की कीमतों में और तेजी आ गई है।
3. शादी-विवाह का मौसम:
भारत में शादी का मौसम शुरू होते ही सोने की मांग बढ़ जाती है। मुंबई, दिल्ली, चेन्नई जैसे शहरों के ज्वैलर्स के मुताबिक कीमतें रिकॉर्ड पर होने के बावजूद खरीदारी में कोई कमी नहीं आई है।
शहरों में क्या हैं रेट्स?
शहर | 22 कैरेट (10 ग्राम) | 24 कैरेट (10 ग्राम) |
---|---|---|
दिल्ली | ₹87,600 | ₹95,555 |
मुंबई | ₹87,450 | ₹95,400 |
कोलकाता | ₹87,450 | ₹95,400 |
चेन्नई | ₹87,450 | ₹95,400 |
2025 में अब तक कितना महंगा हुआ सोना-चांदी?
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सोना: इस साल की शुरुआत में 24 कैरेट सोने का दाम ₹76,162 था, जो अब ₹93,074 हो गया है। यानी 22% की बढ़ोतरी।
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चांदी: चांदी की कीमत ₹86,017 से बढ़कर ₹92,627 पहुंच गई है, यानी करीब 7% की बढ़त।
सोना खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान:
1. हॉलमार्क जरूर चेक करें:
BIS का हॉलमार्क और 6 अंकों का HUID कोड जरूर देखें। यह प्रमाणित करता है कि सोना असली है और कितने कैरेट का है।
2. कीमत की पुष्टि करें:
ज्वैलर्स से खरीदने से पहले IBJA या अन्य विश्वसनीय स्रोत से सोने की कीमत चेक करें। 24 कैरेट सबसे शुद्ध होता है, लेकिन यह ज्वेलरी के लिए उपयुक्त नहीं।
3. डिजिटल पेमेंट और बिल जरूरी है:
कैश पेमेंट से बचें। UPI, नेट बैंकिंग या कार्ड से भुगतान करें और पक्का बिल लें। ऑनलाइन खरीदते हैं तो पैकेजिंग और प्रमाणपत्र की जांच करें।
सोने और चांदी की कीमतों में तेजी आम निवेशकों और खरीदारों के लिए चिंता का विषय जरूर हो सकती है, लेकिन यह एक संकेत भी है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था कितनी अस्थिर हो चुकी है। सोना केवल गहनों की चीज नहीं, बल्कि आर्थिक अनिश्चितताओं में ‘फाइनेंशियल हेलमेट’ भी है।
भारत में लोग पारंपरिक रूप से सोने को सिर्फ गहने नहीं, बल्कि एक सुरक्षा कवच मानते हैं। हालांकि, इस बढ़ती कीमत के दौर में ग्राहकों को और जागरूक और सतर्क रहने की जरूरत है—खासकर हॉलमार्क, कैरेट, और रियल टाइम रेट्स को लेकर।

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