Buddha Purnima: गौतम बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है, आज उनकी जन्म जयंती पर देश उन्हें याद कर रहा है । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दी।
उन्होंने कहा, “बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर, मैं सभी नागरिकों और पूरी दुनिया में फैले भगवान बुद्ध के अनुयायियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं।
करुणा के अवतार भगवान बुद्ध ने सत्य, अहिंसा, सद्भाव, मानवता और सभी प्राणियों के प्रति प्रेम का संदेश दिया है। भगवान बुद्ध ने कहा था, ‘अप्प दीपो भव’ यानी स्वयं के लिए प्रकाश बनो। सहिष्णुता, आत्म-जागरूकता और अच्छे आचरण की उनकी शिक्षाएं हमें मानवता की सेवा करने के लिए प्रेरित करती हैं। उनका अष्टांगिक मार्ग एक सार्थक जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त करता है।
आइए हम भगवान बुद्ध के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाकर सामाजिक सद्भाव को मजबूत करें और राष्ट्र निर्माण का संकल्प लें।”
यहां भगवान गौतम बुद्ध का सबसे खसा संदेश का अर्थ समझते हैं
भगवान गौतम बुद्ध ने अपने प्रिय शिष्य आनन्द से उसके यह पूछने पर कि जब सत्य का मार्ग दिखाने के लिए आप या कोई आप जैसा पृथ्वी पर नहीं होगा तब हम कैसे अपने जीवन को दिशा दे सकेंगे?
तो भगवान बुद्ध ने ये जवाब दिया था – “अप्प दीपो भव” अर्थात अपना दीपक स्वयं बनो। कोई भी किसी के पथ के लिए सदैव मार्ग प्रशस्त नहीं कर सकता केवल आत्मज्ञान के प्रकाश से ही हम सत्य के मार्ग पर आगे बढ़ सकते हैं।
भगवान बुद्ध का यह कथन जीवन के हर पहलू पर लागू होता है। यह हमें एक बेहतर इंसान बनने, सफलता प्राप्त करने और दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए मार्गदर्शन करता है।
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि “अप्प दीपो भव” का अर्थ अहंकार या घमंड नहीं है। हमें अपनी क्षमताओं पर भरोसा करना चाहिए, लेकिन दूसरों का सम्मान भी करना चाहिए। हमें दूसरों से सीखने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए और अपनी गलतियों से सीखना चाहिए। अंत में, “अप्प दीपो भव” एक जीवन-यात्रा है, कोई मंजिल नहीं। हमें लगातार सीखना, बढ़ना और खुद को बेहतर बनाना चाहिए।
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