केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को जानकारी दी कि कश्मीर में अलगाववाद अब इतिहास बन चुका है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दो संगठनों, जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) और डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट ने अलगाववाद से सभी संबंध तोड़ने की घोषणा की है।
मोदी की नीतियों की ऐतिहासिक जीत
गृह मंत्री ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित, शांतिपूर्ण और एकीकृत भारत के निर्माण के दृष्टिकोण की बड़ी जीत है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “कश्मीर में अलगाववाद अब इतिहास बन चुका है। मोदी सरकार की एकीकरणकारी नीतियों ने जम्मू-कश्मीर से अलगाववाद को समाप्त कर दिया है।”
कश्मीर में कैसे हुआ बदलाव?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद भारतीय युवाओं का आतंकवाद से जुड़ाव लगभग खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब कश्मीर में आतंकवादियों का महिमामंडन होता था और उनके जनाजे के जुलूस निकाले जाते थे। लेकिन अब, जो आतंकवादी जहां मारा जाता है, वहीं उसे दफना दिया जाता है।
आर्थिक विकास और स्थिरता की ओर कदम
गृह मंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में जम्मू-कश्मीर के लिए 80 हजार करोड़ रुपये की 63 परियोजनाओं की शुरुआत की थी। इनमें से 51 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं और 63 में से 53 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। यह कश्मीर की आर्थिक प्रगति और बुनियादी ढांचे में सुधार का प्रमाण है।
गृह मंत्री अमित शाह का यह बयान कश्मीर की स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन को दर्शाता है। अलगाववाद को समाप्त करने और युवाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए केंद्र सरकार ने जो प्रयास किए हैं, वे सराहनीय हैं। यह न केवल कश्मीर की जनता के लिए बल्कि पूरे देश के लिए शांति और एकता का संदेश है। सरकार की यह नीति कश्मीर के विकास और स्थिरता को और मजबूत करेगी।

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