CATEGORIES

January 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
Tuesday, January 28   3:22:24

पुणे में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से पहली मौत: बढ़ते मामलों ने बढ़ाई चिंता, 19 बच्चे संक्रमित, इलाज बेहद महंगा

महाराष्ट्र के पुणे में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) से पहली मौत दर्ज की गई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की पुष्टि की है, हालांकि विस्तृत जानकारी साझा नहीं की गई है।

GBS के बढ़ते आंकड़े

राज्य स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 26 जनवरी तक GBS के 101 सक्रिय मामले सामने आए हैं। इनमें पुणे के 81, पिंपरी-चिंचवाड़ के 14 और अन्य जिलों से 6 मरीज शामिल हैं। संक्रमितों में 68 पुरुष और 33 महिलाएं हैं, जबकि 16 मरीज गंभीर स्थिति में वेंटिलेटर पर हैं।

पहला मामला 9 जनवरी को सामने आया था जब एक मरीज को अस्पताल में भर्ती किया गया था। अब तक, 9 साल से कम उम्र के 19 बच्चे इस बीमारी से ग्रस्त हैं, जबकि 50 से 80 वर्ष की आयु के 23 लोग प्रभावित हैं।

संक्रमण की संभावित वजहें और रोकथाम के उपाय

GBS का मुख्य कारण कैंपीलोबैक्टर जेजुनी (Campylobacter jejuni) बैक्टीरिया को माना जा रहा है, जो वैश्विक स्तर पर इस बीमारी के एक तिहाई मामलों में पाया जाता है। पुणे में अधिकारियों ने पानी के नमूने एकत्र किए, हालांकि अभी तक इस बैक्टीरिया की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, खड़कवासला बांध के पास एक कुएं में E. कोलाई बैक्टीरिया का उच्च स्तर पाया गया है, जिससे पानी की गुणवत्ता को लेकर गंभीर चिंता जताई जा रही है।

विशेषज्ञों ने लोगों को उबला हुआ पानी पीने और ताजा गरम भोजन करने की सलाह दी है, जिससे संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। अब तक 25,578 घरों का सर्वेक्षण किया जा चुका है।

GBS का महंगा इलाज: आम लोगों के लिए चुनौती

GBS का इलाज अत्यंत महंगा है। डॉक्टरों के अनुसार, मरीजों को इम्युनोग्लोबुलिन (IVIG) इंजेक्शन की आवश्यकता होती है, जिसकी एक खुराक की कीमत लगभग 20,000 रुपये है। पुणे के अस्पताल में भर्ती 68 वर्षीय मरीज के परिवार ने बताया कि उन्हें कुल 13 इंजेक्शन लगवाने पड़े, जिससे इलाज की लागत काफी बढ़ गई।

विशेषज्ञों का कहना है कि 80% मरीज छह महीने के भीतर बिना किसी सहारे के चलने में सक्षम हो जाते हैं, लेकिन कुछ मामलों में ठीक होने में एक साल या उससे अधिक समय लग सकता है।

सरकारी पहल: मुफ्त इलाज की घोषणा

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने GBS मरीजों के लिए मुफ्त इलाज की घोषणा की है।

  • पिंपरी-चिंचवाड़ के मरीजों का इलाज VCM अस्पताल में होगा।
  • पुणे नगर निगम क्षेत्र के मरीज कमला नेहरू अस्पताल में इलाज करवा सकेंगे।
  • ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों के लिए ससून अस्पताल में मुफ्त इलाज की व्यवस्था की गई है।

GBS के मामले अचानक बढ़ने से स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग को न केवल मरीजों के उपचार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, बल्कि इस बीमारी के कारणों की गहराई से जांच कर रोकथाम के उपाय भी सुनिश्चित करने चाहिए। साथ ही, सरकार को महंगे इलाज की लागत कम करने के लिए वैकल्पिक समाधान तलाशने की जरूरत है ताकि आम नागरिकों पर आर्थिक बोझ कम किया जा सके।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह

इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, डॉक्टरों ने लोगों को विशेष रूप से साफ-सफाई का ध्यान रखने, दूषित पानी और ठंडा भोजन न खाने और किसी भी संदेहजनक लक्षण के तुरंत इलाज के लिए अस्पताल जाने की सलाह दी है।