जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के पटनीटॉप के घने जंगलों में भारतीय सेना और आतंकियों के बीच एक जबरदस्त मुठभेड़ चल रही है। इस संघर्ष में सेना के बहादुर कैप्टन दीपक ने अपनी जान की बाजी लगा दी। उन्होंने अपनी टीम को लीड करते हुए गोलियां खाईं, लेकिन आखिरी सांस तक अपने साथियों का हौसला बढ़ाते रहे। सेना ने जानकारी दी कि इस एनकाउंटर में चार आतंकियों के मारे जाने की खबर है, लेकिन संघर्ष अभी भी जारी है।
कैप्टन दीपक के शौर्य की दास्तां किसी भी भारतीय का दिल गर्व से भर देती है। उन्होंने अपनी टीम को न केवल दुश्मनों से मुकाबला करने के लिए प्रेरित किया बल्कि अपने आखिरी पल तक उन्हें निर्देशित किया। बुधवार सुबह आतंकियों से आमने-सामने की मुठभेड़ के दौरान उन्हें गोली लगी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। अस्पताल पहुंचने के बाद उनका इलाज चल रहा था, लेकिन वे वीरगति को प्राप्त हो गए।
मुठभेड़ के दौरान आतंकी नदी के पास छिपकर फायरिंग कर रहे थे, और उनकी ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके बास से अमेरिकी M4 राइफल तक बरामद की गई है। तीन बैगों में विस्फोटक सामग्री भी मिली है, जो उनकी मंशा को साफ जाहिर करती है।
दिल्ली में इस पूरे घटनाक्रम के बाद, रक्षा मंत्री साउथ ब्लॉक में एक हाई-प्रोफाइल बैठक कर रहे हैं। इस बैठक में NSA अजीत डोभाल, आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख मौजूद हैं। स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा को लेकर काफी सतर्कता बरती जा रही है। करीब 3000 सेना के जवान और 2000 BSF के जवानों की तैनाती जम्मू में की गई है। असम राइफल्स के 1500-2000 जवान भी आतंकवादियों से मुकाबला करने के लिए तैनात किए गए हैं।
कई दिनों से चल रही थी हमले की प्लानिंग
इसके साथ ही कठुआ में भी सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। सोमवार, 12 अगस्त को पुलिस ने 8 ओवर ग्राउंड वर्कर्स को गिरफ्तार किया, जो आतंकियों की मदद कर रहे थे। ये वही लोग थे जिन्होंने 26 जून को डोडा में मारे गए तीन जैश आतंकियों की मदद की थी। इन वर्कर्स ने आतंकियों को बॉर्डर पार कराके डोडा के जंगलों और पहाड़ियों तक पहुंचाया था, जहां से वे छिपकर अपनी नापाक हरकतों को अंजाम दे रहे थे।
पुलिस की तफ्तीश में यह भी पता चला कि इस मॉड्यूल का सरगना मोहम्मद लतीफ था, जो कठुआ के अम्बे नाल इलाके का रहने वाला था। लतीफ ही तय करता था कि किसे इस आतंकी नेटवर्क में शामिल करना है और किसे नहीं। गिरफ्तार किए गए लोगों में अख्तर अली, सद्दाम कुशल, नूरानी, मकबूल, लियाकत और कासिम शामिल हैं, जो सभी कठुआ के ही रहने वाले हैं।
जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस से पहले सुरक्षा बलों की यह मुस्तैदी और आतंकियों के खिलाफ उठाए जा रहे कदम हमें यह विश्वास दिलाते हैं कि हमारे देश की सुरक्षा अडिग है, और हमारे जवान हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
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