(नलिनी रावल)
अगस्त के पहले रविवार के रोज आता फ्रेंडशिप डे विश्व में दोस्तो के नाम पर उनके साथ मनाने का दिन है।जिसे आज सभी ने दोस्तों के साथ मौज मस्ती से मनाया।
पहली बार इस दिन को मनाने का प्रस्ताव डॉक्टर रामन आर्टिमेरियो ने दोस्तो की एक बैठक में किया, और मैत्री क्रूसेड का जन्म हुआ। यह एक वैश्विक संस्था है जो फेलोशिप, दोस्ती को बढ़ावा देने का काम करती है।संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसे मंजूरी दी और 30 जुलाई का दिन इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे के लिए तय किया गया। बाद में अगस्त के पहले रविवार को मनाना शुरू हुआ। एक सच्ची दोस्ती का उत्सव मनाने का दिन है, फ्रेंडशिप डे।
दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है,जो नाते रिश्तों की झंझट से परे बिना किसी स्वार्थ के सुख दु:ख में साथ निभाता है। दोस्त किसी भी स्थिति में अकेला नहीं छोड़ता। अपने मन की हर बात शेयर करता है ,जो हर किसीको नही बताई जाती। दोस्ती दो लोगों के बीच सम्मान,स्नेह,विश्वास की स्थिरता की स्थिति है।संस्कृति चाहे कोई भी हो दोस्ती का सभी जगह महत्व है।
फ्रेंडशिप डे मनाने का यह ट्रेंड भले ही सोशल मीडिया और नए आधुनिक दौर की देन हो,पर दोस्ती का रिश्ता तो सदियों पुराना है।कृष्णसुदामा, कृष्णद्रौपदी,कृष्ण_ अर्जुन,दुर्योधन_कर्ण… जै सी अनेकों मिसालें पुराणों में, इतिहास में है। दोस्ती इंसान की जरूरत है।आज के दौर में सोशल मीडिया में हरेक के सैंकड़ों दोस्त होते है,जो बर्थ डे ,एनिवर्सरी या अन्य खुशी की पोस्ट या दुख की पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं।पर एन वक्त पर हाजिर होनेवाले दोस्त उंगलियों पर गिने जा सके उतने ही होते है।खैर…जिनसे बात कर सके ,हर समय मौजूद रहने का वादा कर सके ऐसे सच्चे दोस्तों की खोज हरेक को जीवन भर रहती है। ज़रा सोचिए…..
आज वर्ल्ड फ्रेंडशिप डे पर सभी को शुभकामनाएं।
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