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काली चौदस: भारत में महाकाली के प्रसिद्ध मंदिर

दिवाली शुरू होने से पहले धनतेरस और काली चौदस मनाएं जाते है। आज यानी 11 नवंबर 2023 काली चौदस का दिन है। हिंदू देवी देवताओं की कथाओं के अनुसार कई त्योहार हमारे धर्म में महत्व रखते है। वैसे ही आज के दिन मां काली का महत्व होता है। आज के दिन मां काली के दर्शन करने के लिए हजारों की भीड़ मंदिरों में इकठी होती है।

भारत में मां काली को सबसे ज्यादा बंगाल और असम में पूजा जाता है। दक्षिणा काली, स्मशान काली, मातृ काली और महाकाली ये चार स्वरूप है।

भारत में ऐसे कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां भक्त बहुत श्रद्धा से मां काली के दर्शन के लिए पहुंचते है।

गुजरात का पावागढ़ शक्तिपीठ

कालिका माता मंदिर भारत के गुजरात के पंचमहल जिले में पावगढ़ पहाड़ी के पास स्थित है। पावागढ़ की पहाड़ियों पर स्थित माता महाकाली मंदिर, प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ है। मंदिर परिसर चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व पार्क का हिस्सा है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है।

यह वडोदरा से लगभग 46 किमी दूर और समुद्र तल से लगभग 800 मीटर की ऊंचाई पर स्तिथ है। पावागढ़ एक हिल स्टेशन है। यहां प्रसिद्ध कालिका माता मंदिर है जो देवी काली को समर्पित है। यह मंदिर पावागढ़ की ऊंची पहाड़ियों के बीच लगभग 550 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। बता दें इस मंदिर का निर्माण 10वीं और 11वीं शताब्दी के बीच हुआ था।

कोलकाता दक्षिणेश्वर काली मंदिर

दक्षिणेश्वर काली मंदिर पश्चिम बंगाल के कोलकाता के दक्षिणेश्वर में हुगली नदी के किनारे स्थित है। इस मंदिर मे मां भवतारिणी की मूर्ति स्थापित है। इन्हें मां काली का रुप माना जाता है। कहा जाता है कि यहां मां के दर्शनमात्र से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामना पूरी हो जाती है।

कोलकाता का दक्षिणेश्वर काली मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं पर मां की असीम कृपा बनी रहती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान विष्णु ने अपने चक्र से माता सती के शरीर के टुकड़े किए थे तो उनके दाएं पैर की कुछ उंगलियां इसी जगह पर गिरी थी।

मध्य प्रदेश का शरदामाई मंदिर

पौराणिक मान्यता के अनुसार सती के अंग जहां-जहां पर गिरे थे, वहां-वहां पर एक शक्तिपीठ स्थापित हो गया। ऐसे ही 51 शक्तिपीठों में एक मां शारदा का पावन धाम मध्य प्रदेश के मैहर में त्रिकूट पर्वत की ऊंची चोटी पर है, जिसके बारे में मान्यता है कि यहां पर सती का हार गिरा था। माता यहां पर भव्य और सुंदर भवन में विराजमान है। पहाड़ की चोटी पर स्थित मैहर देवी का यह मंदिर अपने चमत्कारों के लिए देश-दुनिया में जाना जाता है। मान्यता है कि मैहर वाली मां शारदा के महज दर्शन मात्र से ही भक्तों के सभी दु:ख दूर हो जाते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी हेाती है।