मंदसौर (मध्यप्रदेश): प्यार और परंपरा के बीच टकराव का एक हैरान कर देने वाला मामला मंदसौर जिले के सीतामऊ क्षेत्र से सामने आया है। यहां एक युवती के प्रेम विवाह से नाराज परिजनों ने ऐसा कदम उठाया, जिसने सभी को चौंका दिया। नाराज परिवार ने अपनी ज़िंदा बेटी के लिए मौत के बाद की रस्में अदा कर दीं।
क्या है मामला?
दलावदा गांव की रानू नामक युवती ने 12 नवंबर को अपने प्रेमी के साथ घर छोड़कर प्रेम विवाह कर लिया। यह कदम परिवार को नागवार गुजरा। गुस्साए परिजनों और खासतौर पर भाई ने इसे अपने मान-सम्मान पर चोट माना और एक चौंकाने वाला फैसला लिया। परिवार ने युवती के “गौरनी कार्यक्रम” का आयोजन कर दिया।
गौरनी कार्यक्रम: ज़िंदा बेटी के लिए मौत की रस्में
“गौरनी” कार्यक्रम के तहत युवती की मौत के बाद की रस्में निभाई गईं। परिवार ने बाकायदा एक कार्यक्रम की पत्रिका छपवाई, जिसमें बेटी को परिवार से ‘मृत’ घोषित कर दिया गया। शनिवार, 16 नवंबर को सुबह 9 बजे भाई ने पारंपरिक तरीके से युवती की तस्वीर पर माला पहनाई और रिश्तेदारों की मौजूदगी में रस्में पूरी कीं।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
इस पूरे आयोजन का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में युवती की तस्वीर पर माला चढ़ाते और रिश्तेदारों को कार्यक्रम में शामिल होते देखा जा सकता है। यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है।
प्रेम और परंपरा का संघर्ष
यह घटना केवल एक पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि समाज में परंपराओं और प्रेम के बीच जारी संघर्ष का उदाहरण है। ज़िंदा बेटी के लिए “गौरनी” जैसा कठोर कदम जहां परिवार की नाराजगी को दर्शाता है, वहीं यह सवाल भी खड़ा करता है कि क्या परंपराओं के नाम पर ऐसे फैसले उचित हैं?
प्रशासन की चुप्पी
हालांकि, इस मामले में प्रशासन की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन, यह घटना समाज में परंपरागत सोच और बदलते दौर के बीच खड़े तनाव को उजागर करती है। क्या समाज इस मानसिकता से आगे बढ़ पाएगा, या फिर ऐसी घटनाएं बदलाव की गुंजाइश को और मुश्किल बना देंगी? यह विचारणीय है।
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