मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के काफिले की कार में एक धमाका हुआ, जिससे सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया। यह घटना खुफिया एजेंसी FSB के मुख्यालय के बाहर हुई। धमाका एक लग्जरी लिमोजिन कार में हुआ, जिसमें इंजन में आग लगने के बाद तेजी से लपटें फैल गईं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह घटना किसी हत्या की साजिश थी या केवल एक दुर्घटना।
जेलेंस्की की भविष्यवाणी और बढ़ती चिंताएं
26 मार्च को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने एक इंटरव्यू में दावा किया था कि व्लादिमीर पुतिन की जल्द ही मौत हो जाएगी और उसके बाद यूक्रेन युद्ध भी समाप्त हो जाएगा। उनके इस बयान के बाद इस विस्फोट की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुतिन की सुरक्षा पर कड़ा पहरा
पुतिन की सुरक्षा को लेकर रूस की फेडरल सिक्योरिटी फोर्स (FPS) विशेष जिम्मेदारी निभाती है। उनकी सुरक्षा चार लेयर में होती है। पहला घेरा उनके निजी बॉडीगार्ड्स का होता है, जिन्हें ‘मस्किटियर्स’ कहा जाता है। दूसरा घेरा भीड़ में मौजूद सुरक्षा कर्मियों का होता है, जो गुप्त रूप से उनकी रक्षा करते हैं। तीसरा घेरा भीड़ के किनारों पर तैनात होता है, जबकि चौथा घेरा आसपास की इमारतों और छतों पर तैनात स्नाइपर्स का होता है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पुतिन की लिमोजिन कार की कीमत 3.4 करोड़ रुपये है और यह रूस में ही निर्मित होती है। उन्होंने पिछले साल उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को भी यही कार भेंट की थी।
बॉडीगार्ड्स को मिलती है विशेष सुविधाएं
पुतिन के बॉडीगार्ड्स को 35 साल की उम्र के बाद रिटायर कर दिया जाता है, लेकिन उन्हें रिटायरमेंट के बाद विशेष पदों पर नियुक्त किया जाता है। इनमें गवर्नर, मंत्री या स्पेशल फोर्स में उच्च अधिकारी के पद शामिल हैं। इसके अलावा, पुतिन के भोजन को पहले से टेस्ट किया जाता है, ताकि किसी तरह के ज़हर की आशंका को समाप्त किया जा सके।
क्या यह पुतिन की हत्या की साजिश थी?
हालांकि अभी तक इस घटना के पीछे की मंशा को लेकर कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया है, लेकिन यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध और जेलेंस्की के हालिया बयान को देखते हुए इसे पुतिन के खिलाफ एक संभावित साजिश के रूप में भी देखा जा रहा है।
इस घटना ने रूस की आंतरिक सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। राष्ट्रपति पुतिन की सुरक्षा विश्वस्तरीय मानी जाती है, ऐसे में इस तरह की घटना होना चिंता का विषय है। यूक्रेन-रूस युद्ध की पृष्ठभूमि में इसे केवल एक संयोग मानना मुश्किल है। इस घटना की निष्पक्ष जांच जरूरी है, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
रूस को अपनी आंतरिक सुरक्षा को और भी मजबूत करने की आवश्यकता है, खासकर तब जब विश्व स्तर पर तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। ऐसे समय में किसी भी अप्रत्याशित घटना का असर वैश्विक राजनीति पर भी पड़ सकता है।

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