मिडिल ईस्ट का युद्ध हो या रूस-यूक्रेन का… दुनिया इस वक्त युद्ध की आग में जल रही है। डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार कहा है कि वह युद्ध ख़त्म करने के पक्ष में हैं। डोनाल्ड ट्रंप भले ही चाहते हैं कि युद्ध ख़त्म हो, लेकिन वो शांति से पहले तबाही देखना चाहते हैं। इजराइल-ईरान युद्ध को लेकर उनके इरादे साफ हैं, यह बाइडेन से भी ज्यादा खतरनाक साबित होगा। हालांकि, देश के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले वह ये सब चाहते हैं। जी हां, डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार माइक इवांस के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप इस मामले को अगले 8 हफ्ते में यानी देश के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह से पहले निपटाना चाहते हैं।
क्या इससे युद्ध हमेशा के लिए ख़त्म हो जायेगा?
एक मीडिया चौनल को दिए गए इंटरव्यू के दौरान माइक इवांस ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि इजरायल-ईरान तेल सुविधाओं और शिपिंग कमेंटेटर्स पर हमला करें। इससे इस्लामी शासन यानी ईरान दिवालिया हो जाएगा और युद्ध हमेशा के लिए ख़त्म हो जाएगा। ट्रंप के एक सलाहकार के मुताबिक, ईरान पर हमला करने का यह सुनहरा मौका है। नए राष्ट्रपति के शपथ लेने से पहले इजराइल को ये करना होगा।
ट्रंप के सलाहकार का चौंकाने वाला दावा
माइक इवांस ने जोर देकर कहा कि इजरायल के पास निर्णायक कार्रवाई करने के लिए 20 जनवरी तक का समय है। उन्होंने गाजा और लेबनान में शुरू हुए संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा, ‘ट्रंप चाहते हैं कि इजरायल अगले आठ हफ्तों में ईरान का सारा काम तमाम कर दे। ‘इज़राइल दक्षिण और उत्तर में मामलों को जटिल बना सकता है और फिर से ईरान पर ध्यान केंद्रित कर सकता है।’
ट्रंप के सलाहकार का मानना है कि ट्रंप का लक्ष्य इजरायल के लिए 12 जनवरी से पहले ईरान के तेल प्रतिष्ठानों और व्यापार कंटेनरों को निशाना बनाना है। इसका उद्देश्य ईरान की अर्थव्यवस्था को पंगु बनाना है।
ट्रंप का संदेश?
अब सवाल यह है कि क्या यह संदेश सीधे डोनाल्ड ट्रंप की ओर से मिला है? तो इस सवाल के जवाब में इवांस ने कहा, ‘मुझे लगता है, वे इसी ओर इशारा कर रहे हैं. चार साल तक उन्हें जानने के बाद मुझे पूरा भरोसा है कि ट्रंप यही चाहते हैं। डोनाल्ड ट्रंप इजरायल को सुन्नी देशों से समझौता करने जैसा बड़ा इनाम देंगे. मैं क्राउन प्रिंस से मिला और मुझे पता है कि वह समझौते पर हस्ताक्षर करना चाहते हैं। यह इब्राहीम वाचा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।’
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