सूरत के एक जनरल असपताल के आईसीयू वार्ड मैं काम कर रहे डॉ। धर्मेश चौहान को अपनी पीना की मौत की खबर अपने ड्यूटी मिलने के बावजूद 10 घंटे तक चार गंभीर मरीजों का इलाज किया।
डॉ। धर्मेश चौहान, अपने पिता का इलाज भी कर रहे थे जिनको आईसीयू वार्ड मैं बरती कराया गया था। उनके पिता जी की आयु 58वर्ष थी जिनको कोरोना के करण वेंटीलेटर पर रखा गया था, लेकिन निराशावर्ष जब उनका पुत्र यानि की डॉ। धर्मेश चौहान अपने कार्य मैं व्यस्त थे, दूसरे मरीजों का इलाज कर रहे थे तब ही 21 अप्रैल को रात 10:30 बजे उनके पिताजी का निधन हो गया।
यह खबर मिलने पर भी डॉ। धर्मेश चौहान ने अपने कार्य से आराम भी नही लिया बल्कि उसी नाजुक हालत में चार गंभीर रोगियों की जान भी बचाई। हालाकि, कार्य खतम होने के बाद उन्होंने अपने पिता का अंतिमसास्कार किया।।
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