प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में बीती रात भयानक भगदड़ मच गई, जिसमें 10 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। इस त्रासदी के बाद प्रशासन ने बड़ा कदम उठाते हुए प्रयागराज में बाहर के वाहनों की एंट्री पूरी तरह से बंद कर दी है।
अब प्रयागराज जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं, और वाहनों को शहर की सीमा में घुसने नहीं दिया जा रहा है। वाराणसी, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र, जौनपुर और कौशांबी जिलों में पुलिस प्रशासन हाई अलर्ट पर है। यहां से प्रयागराज जाने वाले सभी वाहनों को रास्ते में ही रोककर वापस भेजा जा रहा है।
प्रयागराज जाने के रास्ते ब्लॉक, हाईवे पर लंबा जाम
- वाराणसी से प्रयागराज जाने वाले वाहनों को भदोही के बाबूरासाई में रोक दिया गया, जिससे कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया।
- मिर्जामुराद के रिंग रोड पर भी बैरिकेडिंग कर वाहनों को रोका जा रहा है।
- जौनपुर से वाराणसी जाने वाले वाहनों को बाबतपुर में रोककर वापस भेजा जा रहा है।
- पुलिस का कहना है कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते उन्हें प्रयागराज में प्रवेश नहीं दिया जा सकता।
कैसे मची भगदड़?
रात के समय हजारों श्रद्धालु संगम तट पर स्नान और पूजा के लिए उमड़ पड़े। भीड़ इतनी अधिक हो गई कि सुरक्षा के लिए लगाए गए बैरिकेड्स टूट गए। अचानक ही अफरा-तफरी मच गई, और लोग इधर-उधर भागने लगे।
जो लोग नीचे गिरी चीजें उठाने के लिए झुके, वे भीड़ में कुचले गए। चारों तरफ चीख-पुकार मच गई। अराजकता इतनी बढ़ गई कि किसी को समझ ही नहीं आया कि हो क्या रहा है। पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने हालात संभालने की कोशिश की, लेकिन तब तक कई श्रद्धालु अपनी जान गंवा चुके थे।
आगे की स्थिति क्या होगी?
- प्रशासन ने साफ किया है कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, प्रयागराज में वाहनों की एंट्री बंद रहेगी।
- श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे फिलहाल यात्रा करने से बचें।
- घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, और राहत कार्य जारी है।
श्रद्धालुओं की भावनाओं को झटका
महाकुंभ में देशभर से श्रद्धालु आते हैं, लेकिन इस भगदड़ के बाद लोगों की श्रद्धा और सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। प्रशासन की तैयारियों पर भी प्रश्न उठाए जा रहे हैं कि इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने की व्यवस्था पहले से क्यों नहीं की गई।
फिलहाल, प्रयागराज जाने की योजना बना रहे श्रद्धालुओं को रुकने की सलाह दी जा रही है। जब तक स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में नहीं आ जाती, महाकुंभ जाना मुश्किल बना रहेगा।
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