CATEGORIES

April 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930  
Saturday, April 19   1:51:10

चुनावी चंदे में किसका नंबर सबसे आगे! 52 करोड़ देने के बाद पूनावाला को मिली वैक्सीन बनाने की इजाजत

चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा अपनी वेबसाइट पर जारी किया है। इसके मुताबिक भाजपा सबसे ज्यादा चंदा लेने वाली पार्टी है। 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक पार्टी को सबसे ज्यादा 6,060 करोड़ रुपए मिले हैं। लिस्ट में दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस (1,609 करोड़) और तीसरे पर कांग्रेस पार्टी (1,421 करोड़) है। हालांकि, किस कंपनी ने किस पार्टी को कितना चंदा दिया है, इसका लिस्ट में जिक्र नहीं किया गया है।

दरअसल, चुनाव आयोग ने वेबसाइट पर 763 पेजों की दो लिस्ट अपलोड की हैं। एक लिस्ट में बॉन्ड खरीदने वालों की जानकारी है। दूसरी में राजनीतिक दलों को मिले बॉन्ड की डिटेल है। राजनीतिक पार्टियों को सबसे ज्यादा चंदा देने वाली कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज पीआर है, जिसने 1,368 करोड़ के बॉन्ड खरीदे। कंपनी ने ये बॉन्ड 21 अक्टूबर 2020 से जनवरी 24 के बीच खरीदे। कंपनी के खिलाफ लॉटरी रेगुलेशन एक्ट 1998 के तहत और आईपीसी के तहत कई मामले दर्ज हैं।

चुनावी बॉन्ड इनकैश कराने वाली पार्टियों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, AIADMK, बीआरएस, शिवसेना, TDP, YSR कांग्रेस, डीएमके, JDS, एनसीपी, जेडीयू और राजद भी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को 15 मार्च तक डेटा सार्वजनिक करने का आदेश दिया था। इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक ने 12 मार्च 2024 को सुप्रीम कोर्ट में डेटा सबमिट किया था। कोर्ट के निर्देश पर SBI ने चुनाव आयोग को बॉन्ड से जुड़ी जानकारी दी थी।

18 अगस्त 2022 को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मालिक पूनावाला ने एक ही दिन में 52 करोड़ का चंदा दिया होने की बात भी सामने आई है। इसके बाद 22 अगस्त 2022 को मोदी ने उनसे मुलाकात की और फिर कोविड वैक्सीन पर सीरम इंस्टीट्यूट को मोनोपोली बख्शी गई।

सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े केस में SBI को नोटिस जारी किया है। कोर्ट का कहना है कि कॉन्स्टि्यूशन बेंच के फैसले में स्पष्ट कहा गया था कि चुनावी बाॅन्ड की पूरी डीटेल, खरीदी की तारीख, खरीदार का नाम, कैटेगरी समेत दी जाए। एसबीआई ने चुनावी बॉन्ड के यूनीक अल्फा न्यूमेरिक नंबर्स का खुलासा नहीं किया है। इसके लिए लिए कोर्ट ने SBI से 18 मार्च तक जवाब मांगा है।