Mawlid: 5 पो. करुल उलूम ताजुल मसाजिक के प्रमुख हसन खान रिशाक्षण, भोपाल के अनुसार, ईद मिलाद-उन-नबी यानी इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मोहम्मद साहब की जयंती इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी उल अव्वल की 12 तारीख को मनाई जाती है। इस साल यह पवित्र दिन 16 सितंबर को मनाया जा रहा है। हदीसों में पैगंबर मोहम्मद द्वारा दी गई शिक्षाओं का उल्लेख किया गया है, जो लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।
पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की शिक्षाएं, जो हदीसों के माध्यम से हमारे पास पहुंची हैं, न केवल धार्मिक मार्गदर्शन देती हैं बल्कि एक बेहतर जीवन जीने का तरीका भी सिखाती हैं। उनके उपदेश हमें यह बताते हैं कि इंसान को व्यक्तिगत और सामाजिक रूप से कैसे विकसित होना चाहिए और जीवन के हर पहलू में कैसे संतुलन बनाए रखना चाहिए। ईद मिलाद-उन-नबी के अवसर पर, हम उनके संदेशों का महत्व समझते हैं और उनका अनुसरण करने का संकल्प लेते हैं।
1. शिक्षा का महत्व
पैगंबर मोहम्मद ने शिक्षा को बहुत महत्व दिया है। एक प्रसिद्ध हदीस में कहा गया है, “ज्ञान प्राप्त करना हर मुसलमान का कर्तव्य है”। यह हदीस हमें सिखाती है कि शिक्षा केवल धार्मिक कर्तव्य नहीं है, बल्कि यह व्यक्तिगत और सामाजिक विकास के लिए भी अनिवार्य है। पैगंबर ने हमेशा ज्ञान की खोज को प्रोत्साहित किया, चाहे वह धार्मिक हो या दुनियावी। यह हमें बताता है कि शिक्षा ही हमारे जीवन के हर पहलू में सफलता और विकास की कुंजी है।
2. लगातार कार्य करना
पैगंबर ने कहा है, “अल्लाह की नजर में सबसे प्यारा काम वह है जो लगातार किया जाता है, भले ही वह छोटा हो”। यह हदीस हमें सिखाती है कि निरंतरता ही किसी काम की सफलता की कुंजी है। बड़े कार्य करने की बजाए, नियमित और छोटे-छोटे अच्छे कर्म करना अधिक महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही, कर्मों की कीमत उनकी नियत पर आधारित होती है। पैगंबर की शिक्षा यह है कि अगर हमारी नीयत सही है, तो हमारा काम भी सही होगा।
3. मानवता के लिए लाभकारी बनें
पैगंबर मोहम्मद ने मानवता की सेवा को सर्वोच्च कर्तव्य बताया। उन्होंने कहा, “सबसे अच्छा व्यक्ति वह है जो दूसरों के लिए सबसे अधिक लाभकारी हो”। यह हदीस हमें प्रेरित करती है कि हम अपनी जिंदगी को दूसरों की सेवा में समर्पित करें। हमें अपने कार्यों का उद्देश्य केवल व्यक्तिगत लाभ नहीं, बल्कि समाज का उत्थान बनाना चाहिए, ताकि हम एक मजबूत और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकें।
4. धैर्य और ईमानदारी से कमाएं
मोहम्मद साहब ने कहा, “सच्ची दौलत वही है जो अल्लाह की राह में खर्च की जाए”। उन्होंने सिखाया कि धन का संग्रह और प्रबंधन संयम और ईमानदारी से करना चाहिए। धन का महत्व उसकी मात्रा में नहीं, बल्कि उसके उपयोग में है। सही दिशा में खर्च किया गया धन ही हमें सच्ची समृद्धि और संतोष दे सकता है।
5. दान का महत्व
पैगंबर ने कहा, “जो दूसरों का भला करता है, वह अल्लाह को सबसे प्रिय होता है”। उन्होंने सिखाया कि दान देने से अल्लाह की नाराजगी दूर हो जाती है। हमें अपनी संपत्ति का उपयोग समाज की भलाई के लिए करना चाहिए। दान देना न केवल समाज को मजबूत बनाता है, बल्कि यह व्यक्तिगत संतोष और आंतरिक शांति का मार्ग भी खोलता है।
6. समाज में सद्भाव और अच्छा आचरण
पैगंबर मोहम्मद ने कहा, “मुझे केवल अच्छा करने के लिए भेजा गया है”। यह सिखाता है कि हमारा आचरण और व्यवहार अच्छा होना चाहिए। जब हम अच्छा आचरण करते हैं, तो इससे न केवल हमारा व्यक्तिगत विकास होता है, बल्कि समाज में भी शांति और सद्भाव का माहौल बनता है। अच्छे आचरण से हम दूसरों को भी प्रेरित कर सकते हैं और समाज को बेहतर बना सकते हैं।
7. स्वास्थ्य का महत्व
पैगंबर ने कहा, “समय और स्वास्थ्य दो अनमोल चीजें हैं, जिनका अधिकांश लोगों को एहसास नहीं होता”। उन्होंने सिखाया कि हमें अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए, क्योंकि यह सबसे बड़ा उपहार है। स्वस्थ शरीर और मन से हम जीवन के हर क्षेत्र में सफल हो सकते हैं। इसलिए हमें उचित आहार और नियमित व्यायाम पर ध्यान देना चाहिए।
8. प्रकृति का संरक्षण
पैगंबर ने सिखाया कि हमें धरती की देखभाल करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर तुम्हें कोई ऐसी जगह दिखे जहां ताजगी और पानी हो, तो वहां जाओ”। यह संदेश हमें प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण के संरक्षण की याद दिलाता है। हमें धरती की देखभाल करनी चाहिए ताकि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण छोड़ सकें।
9. सच्ची खुशी संतोष में है
मोहम्मद साहब ने कहा, “सच्ची खुशी दौलत में नहीं, संतोष में है”। उन्होंने सिखाया कि असली सुख और शांति बाहरी संपत्ति में नहीं, बल्कि आंतरिक संतोष में है। हमें अपनी इच्छाओं को संतुलित करना आना चाहिए ताकि हम मानसिक और भावनात्मक रूप से खुश रह सकें। संतोष ही जीवन की सच्ची खुशी है।
पैगंबर मोहम्मद की शिक्षाएं हमें बताती हैं कि जीवन का उद्देश्य केवल व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि समाज की भलाई और मानवता की सेवा भी है। हमें शिक्षा, निरंतरता, मानवता, ईमानदारी, और सद्भाव पर ध्यान केंद्रित करके अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहिए। इन मूल्यों को अपनाकर ही हम सच्ची शांति, सुख, और समृद्धि पा सकते हैं।
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