CATEGORIES

January 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
Monday, January 27   5:28:36
pahal project

“पहल” ~ बेहतर कल की ओर: छात्रों को मानसिक सशक्त बनाने की दिशा में प्रयास

VNM फाउंडेशन द्वारा संचालित और United Way of Baroda द्वारा प्रायोजित प्रोजेक्ट “पहल” मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और उसकी रोकथाम को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। यह परियोजना वडोदरा के नगर निगम स्कूलों में पढ़ने वाले किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रही है।

वर्तमान में यह प्रोजेक्ट मां भारती प्राइमरी स्कूल, सयाजीगंज में लागू किया जा रहा है। 6 महीने की अवधि में इस प्रोजेक्ट के तहत हफ्ते में 5 दिन मानसिक स्वास्थ्य और उसके महत्व से जुड़े विभिन्न विषयों पर सत्र आयोजित किए जाते हैं।

छात्रों को सशक्त बनाने की दिशा में प्रयास

इन सत्रों का उद्देश्य छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और उन्हें एक सकारात्मक व स्वस्थ मानसिकता विकसित करने के लिए आवश्यक ज्ञान प्रदान करना है।

इस हफ्ते, यूनाइटेड वे ऑफ बड़ौदा की एजुकेशन प्रोजेक्ट ऑफिसर रेशमा हेलैया ने “सामाजिक सुरक्षा” पर एक सत्र आयोजित किया।
इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई, जैसे:

‘अच्छा स्पर्श और बुरा स्पर्श’ की पहचान करना।
व्यक्तिगत सीमाओं (Personal Boundaries) को समझना।
पॉक्सो एक्ट (2012) के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
सुरक्षा के लिए जागरूकता और कौशल विकसित करना

सत्र में छात्रों को असुरक्षित परिस्थितियों में आत्मविश्वास के साथ प्रतिक्रिया देना सिखाया गया। उन्होंने सीखा कि ऐसे हालात में “ना” कहें, “मदद” के लिए आवाज लगाएं और सुरक्षित स्थान पर भाग जाएं। इसके साथ ही, यह भी सिखाया गया कि किसी भी प्रकार का शोषण कभी उनकी गलती नहीं होती। छात्रों को यह समझाया गया कि उन्हें चुपचाप इसे सहन करने के बजाय किसी भरोसेमंद व्यक्ति से अपनी बात साझा करनी चाहिए।

“छिपाएं नहीं, बताएं” – यह सत्र का मुख्य संदेश था।

छात्रों की सक्रिय भागीदारी

छात्रों की उत्साही भागीदारी इस प्रोजेक्ट की सफलता को दर्शाती है। इस तरह के सत्र न केवल जागरूकता बढ़ाते हैं, बल्कि एक सहायक और सुरक्षित वातावरण भी तैयार करते हैं।

प्रोजेक्ट “पहल” के माध्यम से VNM फाउंडेशन वडोदरा के बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। यह प्रयास न केवल बच्चों को आत्मनिर्भर बना रहा है, बल्कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति एक सकारात्मक सोच को भी बढ़ावा दे रहा है।

“पहल के साथ, बेहतर कल की ओर!”