उत्तरकाशी की निर्माणाधीन टनल दुर्घटनाग्रस्त होने से पिछले कई दिनों से 40 जितने मजदूर फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने की कड़ी मशक्कत की जा रही है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिल्क्यारा टनल में 107 घंटे यानी 4 दिन से 40 मजदूर फंसे हैं। इन्हें निकालने की हर कोशिश अब तक नाकामयाब रही है। गुरुवार सुबह नए सिरे से अमेरिकन ऑगर्स मशीन को इंस्टाल कर रेस्क्यू शुरू किया गया है। हैवी ऑगर मशीन को सेना के हरक्यूलिस विमान से दिल्ली से उत्तराखंड लाया गया है।
NHIDCL के डायरेक्टर अंशू मनीष खलखो ने बताया, 25 टन की हैवी ऑगर मशीन प्रति घंटे पांच से छह मीटर तक ड्रिल करती है। अगर, ये काम करती है तो अगले 10 से 15 घंटे में इन्हें रेस्क्यू किया जा सकता है। हालांकि, यह अंदर की परिस्थितियों पर भी डिपेंड करेगा।
हादसा 12 नवंबर की सुबह 4 बजे हुआ था। टनल के एंट्री पॉइंट से 200 मीटर दूर मिट्टी धंसी। मजदूर अंदर फंस गए। मलबा 70 मीटर तक फैला गया। ये मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं।
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह गुरुवार को टनल के अंदर जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने कहा- मजदूर टनल के अंदर 2 किलोमीटर की खाली जगह में फंसे हुए हैं। इस गैप में रोशनी है और हम खाना-पानी भेज रहे हैं। एक नई मशीन काम कर रही है, जिसकी पॉवर और स्पीड पुरानी मशीन से बेहतर है। हमारी कोशिश इस रेस्क्यू ऑपरेशन को 2-3 दिन में पूरा करने की है।
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