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Friday, April 25   3:57:49

शेयर बाजार में भूचाल ; निवेशकों की भावनाओं पर भू-राजनीतिक संकट और मुनाफावसूली का असर….

शुक्रवार को सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स में 1100 अंकों की गिरावट देखने को मिली और यह 78,700 के स्तर पर कारोबार करता दिखा। वहीं, निफ्टी भी 400 अंक टूटकर 23,850 के स्तर पर आ गया। यह गिरावट निवेशकों की मुनाफावसूली और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव का परिणाम मानी जा रही है।

 गिरावट के मुख्य कारण

1. मुनाफावसूली का दौर

पिछले सात कारोबारी दिनों में सेंसेक्स में 8.50% यानी 6,269 अंकों की बढ़त दर्ज की गई थी। इस लंबे उछाल के बाद बाजार में मुनाफावसूली की स्वाभाविक प्रक्रिया शुरू हुई, जिससे प्रमुख कंपनियों के शेयरों में बिकवाली देखने को मिली। खासतौर पर बैंकिंग क्षेत्र में निवेशकों ने भारी निकासी की, क्योंकि इस सेक्टर ने हाल ही में शानदार प्रदर्शन किया था।

2. भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सिंधु जल समझौता को सस्पेंड कर दिया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी लगभग सभी द्विपक्षीय समझौते स्थगित करने की घोषणा की और भारत की कार्रवाई को युद्ध की कार्रवाई बताया। इस स्थिति से निवेशकों में अनिश्चितता और डर का माहौल बना, जिससे बाजार में बिकवाली और बढ़ गई।

 बाजार की स्थिति: कौन-कौन से शेयर गिरे

  • सेंसेक्स के 30 में से 26 शेयर गिरावट में रहे।

  • एक्सिस बैंक, अडाणी पोर्ट्स और बजाज फाइनेंस जैसे शेयरों में 4.50% तक की गिरावट दर्ज की गई।

  • आईटी क्षेत्र के शेयर जैसे टेक महिंद्रा, टीसीएस, एचसीएल टेक और इंफोसिस में मामूली तेजी रही।

  • निफ्टी के 50 में से 45 शेयरों में गिरावट रही।

  • मीडिया, पीएसयू बैंक, फार्मा, मेटल और ऑटो सेक्टर में 2-3% तक की गिरावट दर्ज की गई।

  • आईटी इंडेक्स में 1% की हल्की तेजी रही।

 वैश्विक बाजारों की स्थिति

ग्लोबल स्तर पर बाजारों में तेजी देखी गई, जो भारत के बाजारों से ठीक विपरीत रही:

  • अमेरिकी बाजार — डाउ जोन्स में 1.23%, नैस्डैक में 2.74% और S&P 500 में 2.03% की तेजी रही।

  • एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई, कोरिया का कोस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग — सभी में बढ़त दर्ज की गई।

  • विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने 24 अप्रैल को 8,250 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जबकि घरेलू निवेशकों (DIIs) ने 534 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

 एक दिन पहले की स्थिति

गुरुवार, 24 अप्रैल को भी बाजार में गिरावट देखने को मिली थी।

  • सेंसेक्स 315 अंक टूटकर 79,801 पर बंद हुआ था।

  • निफ्टी 82 अंकों की गिरावट के साथ 24,247 पर बंद हुआ था।

  • हिंदुस्तान यूनिलीवर, एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक जैसे शेयरों में गिरावट रही।

  • NSE के रियल्टी और FMCG इंडेक्स में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई।

 निवेशकों के लिए सबक और सुझाव

शेयर बाजार की प्रकृति उतार-चढ़ाव से भरी होती है। हालिया गिरावट को देखकर घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह समय लॉन्ग टर्म निवेश के लिए अच्छा अवसर हो सकता है। जिन कंपनियों के फंडामेंटल मजबूत हैं, वे इस गिरावट के बाद और अधिक आकर्षक वैल्यूएशन पर उपलब्ध होंगी।

भारत की अर्थव्यवस्था का आधार मजबूत है और विदेशी निवेशकों का रुझान भी सकारात्मक है। ऐसे में ये गिरावट अस्थायी हो सकती है।

वर्तमान बाजार की गिरावट मुख्यतः मुनाफावसूली और भू-राजनीतिक तनाव की वजह से आई है। ऐसे समय में सजग निवेश की आवश्यकता है। जिन निवेशकों की सोच लंबी अवधि की है, उनके लिए यह गिरावट नए अवसरों का द्वार खोल सकती है।