उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की रहने वाली शहजादी खान को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में 15 फरवरी 2025 को फांसी दी गई। शहजादी पर आरोप था कि उसने अबू धाबी में एक चार महीने के बच्चे की हत्या की थी, जिसकी देखभाल की जिम्मेदारी उसके पास थी।
शहजादी खान का जन्म उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के गोयरा मुगलई गांव में हुआ था। 8 वर्ष की उम्र में एक दुर्घटना के दौरान उनके चेहरे पर गर्म पानी गिर गया था, जिससे उनका चेहरा झुलस गया था। चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से उन्होंने विदेश में काम करने का निर्णय लिया। 2020 में सोशल मीडिया के माध्यम से उनकी मुलाकात आगरा के उजैर नामक व्यक्ति से हुई, जिसने उन्हें अबू धाबी में नौकरी का प्रस्ताव दिया। उजैर ने शहजादी को अबू धाबी भेजने में मदद की, लेकिन वहां पहुंचने पर शहजादी को घरेलू कामों में लगा दिया गया।
अबू धाबी में जिस परिवार के साथ शहजादी काम कर रही थीं, उनके चार महीने के बच्चे की अचानक मृत्यु हो गई। परिवार ने बच्चे की मौत का आरोप शहजादी पर लगाया। 7 दिसंबर 2022 को बच्चे को नियमित टीकाकरण के बाद उसकी मृत्यु हुई थी। शहजादी ने प्रारंभ में हत्या की बात स्वीकार की थी, लेकिन बाद में दावा किया कि यह स्वीकारोक्ति परिवार के दबाव में की गई थी।
कानूनी प्रक्रिया और सजा:
शहजादी को 10 फरवरी 2023 को अबू धाबी पुलिस ने गिरफ्तार किया और 31 जुलाई 2023 को उन्हें मौत की सजा सुनाई गई। सभी कानूनी अपील और दया याचिकाएं असफल रहीं, जिसके परिणामस्वरूप 15 फरवरी 2025 को उन्हें फांसी दी गई।
परिवार की प्रतिक्रिया:
शहजादी के पिता, शब्बीर खान, ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी को न्याय नहीं मिला और भारत सरकार ने परिवार को कोई सहायता नहीं दी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कई जगहों पर सहायता के लिए आवेदन दिया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली इसलिए अक्सर कहां जाता है
“इंसान खुद की अच्छा गलतियों पर वकील बनता है
और दूसरों की गलती पर सीधा जज बन जाता है”
फांसी से पहले, शहजादी की अंतिम इच्छा के रूप में उन्हें अपने माता-पिता से बात करने की अनुमति दी गई थी। 15 फरवरी को उन्होंने अपने परिवार को फोन किया और बताया कि यह उनकी अंतिम कॉल है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने उनसे उनकी अंतिम इच्छा पूछी थी, और उन्होंने अपनी अम्मी और अब्बू से बात करने की इच्छा जताई थी।
सरकारी प्रतिक्रिया:
भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने शहजादी को हर संभव कानूनी सहायता प्रदान की, जिसमें यूएई सरकार को दया याचिका और क्षमा अनुरोध भेजना शामिल है। यूएई के अधिकारियों ने 28 फरवरी 2025 को भारतीय दूतावास को सूचित किया कि शहजादी की सजा स्थानीय कानूनों के अनुसार लागू की गई है।
शहजादी खान का मामला कई जटिलताओं से भरा हुआ है, जिसमें विदेश में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा, कानूनी सहायता की उपलब्धता और न्याय प्रक्रिया की पारदर्शिता शामिल है। यह घटना संबंधित अधिकारियों और समाज के लिए एक महत्वपूर्ण चिंतन का विषय है।

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