डॉ. कुमारी गीताबेन शाह, जिन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सेवा को समर्पित कर दिया, का उनके 89वें जन्मदिन पर दुखद निधन हो गया। ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन’ को जीवन का मंत्र मानने वाली वडोदरा की यह महान विभूति अपने कार्यों और सेवाभाव के लिए सदैव याद की जाएंगी।
गीताबेन शाह ने न केवल चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान दिया, बल्कि शिक्षा, आध्यात्मिकता और सामाजिक कल्याण के कई पहलुओं को छुआ। उन्होंने गीता मंदिर के सामने विद्यानंदजी विद्या विहार हाई स्कूल की स्थापना की और योगिनी वसंत देवी स्वास्थ्य मंदिर के दो अस्पताल चलाए। इसके अलावा, गीता प्रचार समिति के तहत पंचामृत पत्रिका का प्रकाशन, अन्नदान, वस्त्रदान, अशक्त मानव सेवा केंद्र और धार्मिक व आध्यात्मिक कार्यक्रमों की शुरुआत की।
उनके जीवन की प्रेरणादायक यात्रा के बावजूद, उनका निधन उनके अनुयायियों और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए दो दिनों तक गीता मंदिर में रखा गया है। अंतिम संस्कार 18 नवंबर को करनाली तीर्थधाम में संपन्न होगा।
गीताबेन शाह की सेवा भावना और उनके वात्सल्य ने समाज को गहरे तक प्रभावित किया है। उनके निधन से गीता मंदिर में शोक की लहर दौड़ गई है, और समाज एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व को खोने के दुख में डूबा है।
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