CATEGORIES

February 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
2425262728  
Sunday, February 23   5:15:51
AYYAMITTU UNN

चेन्नई की डॉ. इस्सा फातिमा जैस्मीन, वो महिला जिन्होंने हर भूखे पेट को खाना खिलाने का उठाया बीड़ा

कुछ लोग दुनिया में बड़ा बदलाव लाने के लिए जन्म नहीं लेते, बल्कि वे अपने असाधारण कामों से यह बदलाव लाते हैं। चेन्नई की ऑर्थोडॉन्टिस्ट डॉ. इस्सा फातिमा जैस्मीन ऐसी ही एक प्रेरक शख्सियत हैं। 2017 में, उन्होंने ‘द पब्लिक फाउंडेशन’ नाम से एक गैर-लाभकारी संगठन की शुरुआत की, जो चेन्नई और बेंगलुरु में अब कई केंद्रों तक फैल चुका है और हर रोज़ 1,000 से ज्यादा लोगों को खाना मुहैया कराता है।

डॉ. इस्सा के इस सफर की शुरुआत का कारण उनकी जिंदगी में प्रेरणादायक उदाहरण रहे उनके माता-पिता हैं। वह कहती हैं, “मेरे पिता सालाना गरीबों के लिए दान कार्यक्रम का आयोजन करते थे और ज़रूरतमंदों की मदद करते थे।” इसी से प्रेरणा लेकर, डॉ. इस्सा ने ‘Ayyamittu unn’ नामक एक पब्लिक फ्रिज पहल शुरू की, जिसका अर्थ है जरूरतमंदों के साथ भोजन साझा करना। इस फ्रिज में कोई भी बचा हुआ खाना, किताबें, कपड़े, खिलौने या अन्य सामान दान कर सकता है।

सामुदायिक फ्रिज से कैसे बदल रही हैं जिंदगियां

यह सामुदायिक फ्रिज न केवल भूखे लोगों को भोजन प्रदान करता है, बल्कि उनके जीवन को भी बदलता है। एक बूढ़ी महिला के उदाहरण का उल्लेख करते हुए, डॉ. इस्सा बताती हैं, “उस महिला ने मुझे धन्यवाद दिया और बताया कि फ्रिज से उसे नियमित भोजन मिल जाता है, जिससे वह अपनी मजदूरी की रकम से अपनी बेटी को स्कूल भेज पाती है।” इस तरह एक साधारण फ्रिज से भोजन दान करने का यह छोटा सा प्रयास किसी की जिंदगी में बड़ा बदलाव ला सकता है।

महामारी के दौरान भी सेवा में डटी रहीं

महामारी के कठिन दौर में, डॉ. इस्सा ने सामुदायिक रसोई के माध्यम से हर दिन 800 से 1,000 भोजन वितरित किए। स्वयंसेवकों की कमी, सुरक्षित डिलीवरी का प्रबंधन, और लॉकडाउन के नियमों का पालन करना जैसे चुनौतियों का सामना करते हुए उन्होंने अपने कार्य को कभी रुकने नहीं दिया। वह सुबह 9 बजे रसोई का काम संभालतीं और दोपहर 3 बजे तक डिलीवरी पूरी करतीं, इसके बाद अपने क्लिनिक जातीं।

साल भर चलने वाले वितरण अभियान और उनके प्रभाव

डॉ. इस्सा की फाउंडेशन साल भर कई वितरण अभियान चलाती है, जिनमें लाखों रुपये के भोजन, हजारों किलो कपड़े, जूते और किताबें जरूरतमंदों तक पहुंचाई जाती हैं। उनकी कोशिशों से तमिलनाडु के शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में हजारों गरीब लोगों का जीवन सुधर रहा है।

प्रेरणादायक अभियान: ‘ग्रेट थिंग्स हैपन व्हेन वी मूव’

अपने अभियान ‘ग्रेट थिंग्स हैपन व्हेन वी मूव’ के माध्यम से, डॉ. इस्सा जैसे लोगों की अदम्य भावना का जश्न मनाया जाता है। यह अभियान भारतीय महिलाओं को आगे बढ़ने, अपने सपनों का पीछा करने और दूसरों की मदद करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

डॉ. इस्सा का ये सफर हमें यह सिखाता है कि कभी-कभी किसी छोटे से प्रयास से भी बड़ा बदलाव आ सकता है। उनकी यह पहल इस दिवाली पर हमें याद दिलाती है कि समाज को बदलने की शुरुआत किसी भी स्तर पर की जा सकती है।