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Friday, May 2   5:17:05

केदारनाथ धाम के कपाट खुले ; 108 क्विंटल फूलों से सजा दिव्य धाम…. पहले ही दिन 10 हजार भक्त पहुंचे

अक्षय तृतीया के पावन अवसर के दो दिन बाद आज, शुक्रवार सुबह 6:20 बजे केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए विधिवत रूप से खोल दिए गए। मंत्रोच्चार, रुद्राभिषेक और शिव तांडव स्तोत्र के बीच जैसे ही बाबा केदार के कपाट खुले, मंदिर परिसर में आस्था और उल्लास का अद्भुत संगम देखने को मिला।

इस अवसर पर सबसे पहले दर्शन किए कर्नाटक के वीरशैव लिंगायत समुदाय के मुख्य रावल भीमशंकर  ने। इसके बाद मंदिर में भीष्म शृंगार हटाने की पवित्र प्रक्रिया शुरू की गई, जो कपाट बंद होने से पूर्व शिवलिंग पर किया गया विशेष श्रृंगार होता है।

108 क्विंटल फूलों से महका केदारनाथ धाम

इस बार केदारनाथ मंदिर को खास तौर पर 54 प्रजातियों के 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। गुजरात और बंगाल के विशेष फूल शिल्प कलाकारों ने इस अलौकिक सजावट को अंजाम दिया। इन फूलों में नेपाल, थाईलैंड और श्रीलंका से मंगाए गए गुलाब और गेंदे शामिल हैं। धाम की यह मनोहारी झलक ड्रोन कैमरों से कैद की गई, जिसे दैनिक भास्कर ऐप पर लाइव देखा जा सकता है।

भीष्म शृंगार: एक दुर्लभ धार्मिक परंपरा

कपाट खुलने के बाद शिवलिंग से भीष्म शृंगार हटाया जाता है। इस प्रक्रिया में सबसे पहले ‘आर्घा’ हटाई जाती है, जिसमें मौसमी फल और सूखे मेवे होते हैं। इसके बाद बाबा पर चढ़ी हुई रुद्राक्ष की मालाएं, सफेद कॉटन का कपड़ा, और पिघले घी की परत को धीरे-धीरे हटाया जाता है। इसके पश्चात होता है गंगा स्नान – जिसमें गोमूत्र, दूध, शहद और पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराया जाता है। अंत में बाबा को भस्म, चंदन और नए फूलों से श्रृंगारित किया जाता है।

पहले दिन उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा

धाम में आज पहले दिन 10,000 से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए इस बार टोकन सिस्टम लागू किया गया है, जिसमें हर श्रद्धालु को दर्शन का समय और क्रमांक दिया जाता है। सुबह 10:15 बजे तक का आंकड़ा यह दर्शाता है कि इस बार भी बाबा केदार के प्रति श्रद्धालुओं की भावना पहले जैसी ही प्रबल है।

उत्तराखंड सरकार और स्थानीय प्रशासन ने यात्रा को सुचारु और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष तैयारियाँ की हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी स्वयं सुबह धाम पहुंचे और लाइन में खड़े श्रद्धालुओं से मुलाकात कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान गढ़वाल राइफल्स की बैंड टोली ने भक्ति धुनों से वातावरण को संगीतमय कर दिया।

चारधाम यात्रा का शुभारंभ और अनुमानित आंकड़े

चारधाम यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल, अक्षय तृतीया से हो चुकी है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम पहले ही खुल चुके हैं, जबकि बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे।

अब तक कुल 23 लाख श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं, जिसमें से 7.3 लाख सिर्फ केदारनाथ के दर्शन को आना चाहते हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार अधिक भीड़ की संभावना है – वर्ष 2024 में कुल 19.5 लाख लोगों ने बाबा केदार के दर्शन किए थे, जबकि इस वर्ष जून से अगस्त के बीच मौसम अनुकूल रहा तो यह आंकड़ा 25 लाख तक पहुंच सकता है।

गौरीकुंड में अपेक्षाकृत कम भीड़

हालांकि इस बार पहले दिन कमरे अपेक्षाकृत खाली रहे। केदारनाथ के लिए प्रस्थान बिंदु गौरीकुंड में मौजूद 1500 कमरों में से सिर्फ 1100 ही भरे हुए थे। होटल और लॉज संचालकों का कहना है कि मौसम या प्रारंभिक सप्ताहांत के चलते इस बार पहले दिन उतनी भीड़ नहीं उमड़ी, जितनी पिछले वर्षों में देखी गई थी।

यात्रा की आवश्यक जानकारी:

  • टोकन अनिवार्य: दर्शन के लिए टोकन लेना आवश्यक है, जो निःशुल्क होता है और उस पर समय लिखा होता है।

  • ऑनलाइन दर्शन: दैनिक भास्कर ऐप और पोर्टल पर केदारनाथ के लाइव दर्शन की सुविधा उपलब्ध है।

  • यात्रा अवधि: केदारनाथ के कपाट अब अगले 6 महीने तक खुले रहेंगे, जब तक बर्फबारी के कारण इन्हें पुनः बंद नहीं किया जाता।

जय बाबा केदारनाथ!