हमारे देश को कृषि प्रधान देश कहा जाता है। जहां वक्त पर मेघराज का आना बहुत ही जरूरी होता है। और मेघराज को मनाने के लिए हमारे देश में कई प्रकार के टोटके भी किए जाते हैं।
भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में बारिश के लिए तरह-तरह के उपाए भी किए जाते हैं। ऐसा ही एक उपाय आपने अधिक्तर सुना होगा कि दो मेढ़कों की शादी करना से बारिश होती है। इस पर कई सारी कहावते भी हैं। आज कल बच्चा-बच्चा जिज्ञासु हो गया है। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल जरूर आए होंगे की क्या सच में दो मेढ़कों की आपस में शादी कराने से बारिश शुरू हो जाती है?
देश के कुछ स्थानों में माना जाता है कि यदि दो मेढ़कों की आपस में हिंदू रीति-रिवाज से शादी करा दी जाए तो इंद्र देवता प्रसन्न हो जाते हैं। हिंदू धर्म में इंद्र देव को बारिश का देवता कहा जाता है। मान्यता है कि मेढ़कों की शादी करने से इंद्र देव प्रसन्न होकर उस इलाके में बारिश कराते हैं।
वहीं मेढ़कों के विवाह की कहानी भी यहां बेहद रोचक है। मेढ़कों के विवाह के दौरान हिंदू धर्म के सारे रस्म निभाए जाते हैं। इस दौरान नाच-गाना और मेहमानों के भोजन का भी इंतजाम किया जाता है।
विवाह की सारी रस्मे अदा करने के बाद मेंढ़कों के जोड़े को तालाब में छोड़ दिया जाता है। इतना ही नहीं यदि इनकी शादी के बाद बारिश ज्यादा होने लगती है तो इनका तलाक भी कराया जाता है। और इसे करने के लिए पहले दो मेंढ़कों के पकड़ा जाता है और इन्हें अलग-अलग तालाब में छोड़ दिया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से बारिश बंद हो जाती है।
अंत में आपको बताते चले कि बारिश के लिए दो मेंढ़कों की शादी और उनका तलाक महज एक टोटका मात्र है इसका विज्ञान से कोई भी संबंध नहीं है।
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