04-11-2023
एक ओर तीन नवंबर का दिन राष्ट्रीय गृहिणी दिवस के रूप में मनाया जाता है,तो दूसरी ओर ये गृहिणियां दिन भर अनेक मोर्चो पर लड़ने के बाद रात कब हो जाती है,ये ही नहीं जान पाती।
मां,बहन,बेटी,पत्नी,नानी,दादी ये सभी गृहिणियां या आधुनिक दौर में होममेकर की जाती है।तीन नवंबर का दिन इन्ही गृहिणियों को समर्पित किया गया है ,राष्ट्रीय गृहिणी दिवस के रूप में।महिला यदि नौकरी करती है तो उसकी जिम्मेदारी दुगनी हो जाती है। जॉब के साथ साथ घर भी संभालती है।इन गृहिणियों को मान सम्मान देने और उनके काम की सराहना करने के उद्देश्य से यह दिन मनाया जाता है, क्योंकि 24/7 काम करती गृहिणी की यह तो टाइमलेस जॉब है।
इस टाइम लेस जॉब की क्या कदर होती है? उन्हें नीचा दिखाने का क्या एक भी मौका छोड़ा जाता है? दिन भर तुम करती क्या हो ? का या तंज वह हंसकर भूल जाती है।क्या आप जानते है केवल यदि गुजरात की बात करें तो रोज औसतन पांच गृहिणियां खुदकुशी कर रही है। गुजरात में NCRB की रिपोर्ट अनुसार एक साल में 1820 महिलाओं ने आत्महत्या की। ये चंद आंकड़े आपको हिला कर रख देंगे।
पिछले तीन सालों में 5245 महिलाओं ने आत्महत्या की। वर्ष 2021 में 23,178 महिलाओं की देश भर में खुदकुशी के आंकड़े NCRB ने घोषित किए है।गुजरात भारत में छठे स्थान पर है।मानसिक आरोग्य अस्पताल में आते मरीजों में 60% महिलाएं है।पारिवारिक तनाव,डिप्रेशन,घर में बुरा व्यवहार,पति की पत्नी की ओर लापरवाही,छोटे छोटे खर्चों का हिसाब ,जैसे कारणों से जान दे देती है गृहिणियां।
गृहिणी का सम्मान,उनकी भावनाओं को समझना, परिवार का प्रेम देकर यदि उसे खुशी दे सकें,तभी सही मायनो में राष्ट्रीय गृहिणी दिवस मनाया,माना जायेगा।
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